Bharat Ka Samvidhan GK (भारतीय संविधान महत्‍वपूर्ण सामान्य ज्ञान)

Bharat Ka Samvidhan GK– Hello Friend,s कैसे है आप सभी और कैसी चल रही है परीक्षा की तैयारी हाजिर है आपकी Team यानि SarkariJobGuide की Team लेकर फिर से आपकी आगामी परीक्षाओ की तैयारी से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण पोस्ट| आज की इस Post में आपके लिए भारत के संविधान, Constitution GK, Bharat Ka Samvidhan GK से सम्बन्धित कुछ प्रश्न और उनके उत्तर|

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भारत के संविधान (Constitution of India) को नियम व कानून का ऐसा चिट्टा कहा जा सकता हो जिसके जरिए किसी राज्य या राष्ट्र को क्रियाविन्त करने में अहम मदद मिलती है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है भारत का संविधान (Bhartiya Samvidhan) संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ, इसीलिये 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है आईये जानते हैं भारत का संविधान

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भारत का संविधान का इतिहास (History of India Constitution)
  • भारत संविधान निर्माण के लिए ( कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों पर ) संविधान सभा का गठन जुलाई, 1946 में किया गया।
  • संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसम्बर, 1946 को सम्पन्न हुई।
  • संविधान सभा के सदस्यों की संख्या 389 थी जिसमें 292 ब्रिटिश प्रान्तों के प्रतिनिधि, 4 चीफ कमिश्नर क्षेत्रो के व 93 देशी रियासतो के प्रतिनिधि थे ।
  • प्रांन्तो व देशी रियासतों को उनकी जनसख्याँ के अनुपात में संविधान सभा में प्रतिनिधित्व दिया गया था । साधारणत् 10 लाख की आबादी पर एक स्थान आंवटित किया गया था । तथा प्रत्येक स्थान से एक सदस्य संविधान सभा के लिए चुना गया था।
  • संविधान सभा में महिला सदस्यों की संख्या 15 थीं।
  • पहली बैठक में ही डाँ0 सच्चिदानन्द सिन्हा को सर्वसम्मति से संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया तथा इस बैठक का मुस्लिम लीग द्वारा बहिष्कार किया गया।
  • 11 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष डा0 राजेन्द्र प्रसाद को बनाया गया।

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इसमें छः प्रमुख समिति बनाई जो इस प्रकार हैं – 
  1. संचालन समिति ( डा 0 राजेन्द्र प्रसाद, अध्यक्ष )
  2. संध समिति ( जवाहर लाल नेहरु, अध्यक्ष )
  3. प्रारुप समिति ( डा 0 भीमराव अम्बेडकर , अध्यक्ष )
  4. प्रान्तीय संविधान समिति ( सरदार वल्लभभाई पटेल , अध्यक्ष )
  5. झण्डा समिति ( सरदार वल्लभभाई पटेल, अध्यक्ष )
  6. संध शक्ति समिति ( जवाहर लाल नेहरु, अध्यक्ष )
प्रारुप समिति सबसे महत्वपूर्ण समिति थी तथा इसके सदस्यो की सँख्या सात थी । इसके सदस्य इस प्रकार हैं –
  1. डा 0 भीमराव अम्बेडकर ( अध्यक्ष )
  2. कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
  3. अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर
  4. एन गोपालास्वामी
  5. सैय्यद मुहम्मद सादुल्ला ( मुस्लिम लीग के प्रतिनिधि )
  6. डीपी खेतान ( 1948 मे इनकी मृत्यु के बाद टी कृष्णमाचारी को सदस्य बनाया गया )
  7. एन माधवराव ( बी0 एल0 मिश्र के स्थान पर नियुक्त )
भारत के संविधान को बनने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का वक्त लगा, डा 0 भीमराव अम्बेडकर को संविधान का जनक कहा जाता है।
26 नवम्बर 1949 को संविधान सभा के अध्यक्ष को हस्ताक्षर कराये गये तथा इसे पारित घोषित कर दिया गया। अब इंतजार था केवल दो महीने का क्योकि भारतीयो रावी नदी के तट पर 31 दिसम्बर 1930 की रात को यह प्रण लिया था कि जब भी हमारा देश स्वंतन्त्र होगा तब हम 26 जनवरी के दिन राष्ट्र उत्सव मनाया करेंगे तो इसलिए इसे दो महीने पश्चात् 26 जनवरी 1950 को आम लोगो व राष्ट्र के लिए लागू कर दिया गया तथा 26 जनवरी 1950 को प्रथम गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया गया।
 
भारत का संविधान एक परिचय

भारतीय संविधान में 22 भाग, 395 अनुच्छेद, व 12 अनुसुचियाँ ( प्रारम्भ में 8 अनुसुचियाँ थी ) हैं।

संविधान की प्रस्तावना को संविधान की कुंजी भी कहा जाता है क्योंकि इसको पढकर आप भारतीय संविधान का सांराश समझ सकते हैं। संविधान की प्रस्तावना में बाद में 42 में संशोधन 1976 में ( समाजवादी, अखण्डता व पंथनिरपेक्ष ) शब्द जोड़े गए ।
हमारे संविधान को बनाते समय यह सोच रखी गई के दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान बन सके इसलिए दुनिया के कई देशो के संविधान से कुछ महत्वपूर्ण स्रोत हमारे संविधान में पिरोये गये आइये जानते हैं भारतीय संविधान के विदेशी स्त्रोत –
 
देश का नाम स्त्रोत
ब्रिटेन संसदीय शासन, विधि निर्माण प्रकिया, एकल नागरिकता, दिसदनीय व्यवस्था
यूएसए प्रस्तावना, मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, न्यायपालिका की स्वतन्त्रता, सर्वोच्च न्यायपलिका का गठन एवं शक्तियाँ, राष्ट्रपति पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति का पद,
कनाडा संघात्मक व्यवस्था, अविशिष्ट शक्तियों का केन्द्र के पास होना, केन्द्र द्वार राज्यपाल की नियुक्ति
आयरलैण्ड नीति – निदेश्क सिद्रान्त, राष्ट्रपति का निर्वाचन, उच्च – सदन के सदस्यों को मनोनीत करनें सम्बन्धी प्रावधान
जर्मनी के वीमर से ) आपात उपबन्ध
आँस्टेलिया प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची, केन्द्र राज्य सम्बध
रुस मौलिक कर्त्तव्यों का प्रावधान,
दक्षिण अफ्रीका संविधान में संशोधन
जब संविधान सभा का निर्माण चल रहा था तब भारत पर न तो ब्रिटिश हुकुमत थी न अभी देश संविधान रचित हुआ था तो ऐसे में देश को कौन संभाल रहा था । हमारा प्रश्न यह है कि सन् 1947 से 1951 यानि पहले आम चुनाव तक देश का संचालन कौन कर रहा था तो इसका उत्तर है – अंतरिम मत्रिमण्डल
जी हाँ संविधान सभा के गठन के बाद देश के संचालन व्यवस्था को चलाने के लिए एक अंन्तरिम मंत्री मण्डल का भी गठन किया गया था जिसने तब तक के लिए देश को संभाल रखा था जब तक देश का संविधान निर्माण होने के पश्चात् प्रथम आम चुनाव नहीं हो गए आइये इस अंतरिम मंंत्रीमण्डल पर भी डालते हैं एक नजर –
मंत्री कार्यभार
जवाहरलाल नेहरु कार्यकारी परिषद् के उपाध्यक्ष, विदेशी मामले, तथा राष्टमण्डल
सरदार वल्लभभाई पटेल गृह , सूचना एंव प्रसारण
बलदेव सिंह रक्षा
सी. राजगोलापाचारी शिक्षा
राजेन्द्र प्रसाद खाध एंव कृषि
जगजीवनराम श्रम
आई आई चुन्दरीगर वाणिज्य
जोगेन्द्र नाथ मण्डल विधि
जाँन मथाई उधोग तथा आपूर्ति
सी एच भाभा खान एंव बन्दरगाह
आसफ अली रेलवे
लियाकत अली खाँ वित्त
अब्दुल रब निश्तार संचार
गजनफर अली खाँ स्वास्थ्य

ये भी जाने-

  • संविधान सभा के सदस्यो का निर्वाचन प्रान्ती विधान सभा के सदस्यो के द्वारा अप्रत्यक्ष रुप से किया जाना था। जब कि देशी रियासतो मे प्रतिनिथीयो के चयन की पद्धति परामर्श से तय की जानी थी।
  • निर्वाचन मे काग्रेस को 208 लीग को 73 स्थान मिले।
  • संविधान सभा की प्रथम बैठक डॉ सच्चिदानन्द सिंहा की अस्थायी अध्यक्षता मे दिसम्बर 1946 मे हुई जिसमे मुस्लिम लीग शामिल नही हुआ।
  • 11 December 1946 को डॉ राजेन्द्र प्रसाद की स्थायी अध्यक्षता मे इसकी बैठक हूई जिसमे लीग शामिल हुआ।
  • गतिरोध उत्पन्न होने पर (मुस्लिम लीग द्वारा अलग संविधान सभा के गठन की मॉग पाकिस्तान के लिए करने पर) उसे दूर करने के लिए संविधान सभा का पुनर्गठन किया गया।
  • 26 नवंम्बर 1949 को 299 सदस्यो मे से 284 सदस्य उपस्थित थे औऱ उन्होने संविधान पर हस्ताक्षर किया और आंशिक रुप से संविधान को लागू कर दिया गया।

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