बिहार का इतिहास को विस्तार से जानिए-हिंदी में

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बिहार का इतिहास को विस्तार से जानिए


History of Bihar in Hindi ना जाने आपने कितने बार इंटरनेट पर सर्च किया होगा। बिहार का प्राचीन इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है। इस लेख को अगर आप आखिर तक पढ़ेंगे तभी आपको पता चल पाएगा।

जैसा कि आप जानते हैं कि एक लेख पढ़ने से आपका बिहार का इतिहास का ज्ञान पूरा नहीं होगा। यह बात ज़रूर है कि इस लेख को पढ़ने के बाद आप अगर बिहार से हैं तो गौरव महसूस करेंगे। इसके साथ परीक्षाओं के लिए बिहार का इतिहास जान पाएंगे। 

बिहार का इतिहास को विस्तार से जानिए

इतिहास के विद्वानों का मानना है कि अगर आपने बिहार का इतिहास नहीं पढ़ा तो भारत का इतिहास का ज्ञान आपका अधूरा रह जाता है। 

शुरुआत करते हैं बिहार के नाम से, आखिर इस शब्द का उदय कहां से हुआ है। बौध धर्म के बहुत से लोग यहाँ विहार करने के लिए आते थे। विहार शब्द का मतलब – घूमना या रति क्रीड़ा से है। इसलिए इस राज्य का नाम बिहार पड़ा है। 

महान लोगों की जन्मभूमि बिहार है। अर्धांगिनी माता सीता, लव-कुश, भगवान् बुध, गुरु गोविद सिंह, भगवान महावीर, आचार्य चाणक्य, आर्यभट, अशोक और प्रथम राष्टपति डॉक्टर राजेंद्र प्रशाद का जन्मभूमि बिहार है। 

कुछ ही लोगों को पता होगा भारत के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक लाख, का नाता बिहार से है। हमारे राष्ट्रीय ध्वज में जो चक्र है। वह अशोक के सिंह के अस्तम का चक्र है। दुनिया मे सर्वप्रथम गणराज्य का उदय बिहार राज्य के वैशाली जिले में हुआ था। 

बिहार का प्राचीन इतिहास

बिहार के प्राचीन इतिहास से हिंदू धर्म का अच्छा खासा जोराव देखा जा सकता है। माना जाता है कि बिहार राज्य के सीतामढ़ी जिले में अर्धांगिनी माता सीता का जन्म स्थान है। उसी प्रकार बौद्ध धर्म बिहार के गया जिले से जुड़ा हुआ है। 

जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर का जन्म बिहार का मौजूदा राजधानी पटना (पाटलिपुत्र) में हुआ था। यही नहीं

सिख धर्म के आख़िरी गुरु गुरु गोविंद सिंह का जन्म बिहार के पटना साहिब में हुआ था। 

प्रशासनिक दृष्टि से बिहार का प्राचीन इतिहास में अंग, मगध और वज्जीसंघ का शासन प्राचीन में रहा है। एलेग्जेंडर यानी सिकंदर ने अपने दूत मेगास्थनीज को अशोक के शासन प्रणाली को समझने के लिए भेजा था।

भारत में ज्यादातर लोग जानते ही होंगे कि भारत की राजधानी दिल्ली है। लेकिन कुछ लोग को पता होगा कि भारत की राजधानी कभी पटना हुआ करता था। उस समय पटना का नाम पाटलिपुत्र था। जबकि राजगीर क्षेत्र मौयकालीन राजा बिंबिसार का राजधानी हुआ करता था। 

प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया में सबसे पहले यूनिवर्सिटी बिहार में बनाता है 

दुनिया का सबसे प्राचीनतम विश्वविद्यालय, नालंदा विश्वविद्यालय को भारत के ज्यादातर लोग मानते हैं। यह उस समय की बात है जबकि बाकी दुनिया पढ़ना लिखना नहीं जानता था। उस समय बिहार में विश्वविद्यालय हुआ करता था। 

इस विश्वविद्यालय के कुलपति का नाम आर्यभट्ट था, वे गणितग्य और खगोल के बड़े वैज्ञानिक थे। मध्यकाल शुरू होते ही विदेशी शासकों के द्वारा इस यूनिवर्सिटी पर आक्रमण होते रहा। जिसके कारण इस विश्वविद्यालय परिसर को बहुत ज्यादा ही नुकसान हुआ था। सबूत के तौर पर आज भी दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय बिहार में स्थित है। 

बिहार का मध्यकालीन इतिहास 

संक्षेप में मध्य कालीन बिहार के बारे में आपको कुछ बताना चाहता हूं। बिहार के सासाराम जिले का नाम शेरशाह सूरी के नाम पर पड़ा है। मुगल काल समाप्त होने के बाद ब्रिटिश का शासन शुरू हुआ था। बिहार राज्य उस समय बंगाल राज्य का भाग हुआ करता था। उन दिनों उस सालों के लिए भारत की राजधानी कोलकाता था। 

बिहार बंगाल विभाजन कब हुआ था

बंगाल विभाजन 22 मार्च 1912 को हुआ था जिसके परिणाम स्वरूप बिहार राज्य बना था। 1936 में बिहार से उड़ीसा राज्य बना था। आजाद भारत में बिहार का दो बार विभाजन हुआ है। 

प्रथम विभाजन 1956 में हुआ था। जिसमें बिहार के पुरुलिया जिला को, बिहार से हटाकर पश्चिम बंगाल को दे दिया गया था। 

बिहार का दूसरा विभाजन 15 नवंबर 2000 को हुआ था। जिसमें बिहार राज्य से झारखंड नाम के अलग राज्य बना दिया गया था। 


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