Bharat Me Missile (भारत का मिसाइल प्रोग्राम)

Hello Friend’s, कैसे हो आप सभी कैसी चल रही तैयारी आज आप सभी छात्र मित्रो के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण पोस्ट लेकर आये है|

Bharat Me Missile (भारत का मिसाइल प्रोग्राम)-मिसाइल Missile एक ऐसा शब्द जिसे सुनते ही मन में जिज्ञासा और रोमांच से भर उठता है, हर एक व्यक्ति अक्सर ये सोचता है, की मिसाइल (Missile) क्या होता है? कैसे काम करती है ये मिसाइल (Missile)? हमारे पास कितनी मिसाइल (Missile) है? आदि, तो आज की यह SarkariJobGuide की पोस्ट इसी विषय से सम्बन्धित है, इस पोस्ट में हम आपको बतायेगे

  • मिसाइल क्या होती है? (What is missile)
  • मिसाइल कितने प्रकार की होती है?( How many types of missile are there?)
  • मिसाइल कैसे काम करती है?( How does the missile work?)
  • भारत में कितनी प्रकार की मिसाइल है?(What kind of missile is there in India?)

मिसाइल को हिंदी भाषा में प्रक्षेपास्त्र कहा जाता है जो की दो शब्दों से मिल कर बना होता है
(1) प्रक्षेप अर्थात फेकना
(2) अस्त्र यानि की हथियार
और इस प्रकार प्रक्षेपास्त्र का अर्थ होता है, फेंक कर चलाया जाने वाला हथियार यानि की ऐसा अस्त्र जिसको प्रक्षेपित किया जा सके 

Bharat me Missile
सतह से सतह में मार करने वाले मिसाइल

इन्हे जमीन से लॉच किया जाता है तथा इनका Target भी जमीन पर ही होता है।

कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल

  • पृथ्वी
  • पृथ्वी 2
  • पृथ्वी 3
  • प्रहार

मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल

  • अग्नि-1- अग्नि-1 मिसाइल स्वदेशी तकनीक से विकसित सतह से सतह पर मार करने वाली परमाणु सक्षम मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता सात सौ किलोमीटर है।
  • अग्नि-2- अग्नि द्वितीय (अग्नि-२) भारत की मध्यवर्ती दुरी बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है। यह अत्याधुनिक तकनीक से बनी 21 मीटर लंबी और 3 मीटर चौड़ी अग्नि-२ मिसाइल परमाणु हथियारों से लैस होकर 1 टन पेलोड ले जाने में सक्षम है।

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इंटरमीडिएट दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल

  • अग्नि-3- अग्नि तृतीय (अग्नि ३), अग्नि-२ के सफल प्रक्षेपण के बाद भारत द्वारा विकसित मध्यवर्ती दुरी बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है। जिसकी मारक क्षमता ३५०० किमी से ५००० किमी तक है।
  • अग्नि-4- अग्नि-4 (Agni-IV) एक इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है। जिसे भारतीय सशस्त्र बलों के इस्तेमाल के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है।

अन्तरमहाद्वीपीय दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल

  • अग्नि-5- अग्नि पंचम (अग्नि-५) भारत की अन्तरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने विकसित किया है। यह अत्याधुनिक तकनीक से बनी 17 मीटर लंबी और दो मीटर चौड़ी अग्नि-५ मिसाइल परमाणु हथियारों से लैस होकर 1 टन पेलोड ले जाने में सक्षम है। 5 हजार किलोमीटर तक के दायरे में इस्तेमाल की जाने वाली इस मिसाइल में तीन चरणों का प्रोपल्शन सिस्टम लगाया गया है।
  • अग्नि-6(विकासाधीन) – अग्नि-6 (Agni-VI) एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। जिसे भारतीय सशस्त्र बलों के इस्तेमाल के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित की जा रही है। 
  • सूर्या- सूर्या भारत का विकसित किया जा रहा प्रथम अन्तरमहाद्वीपीय प्राक्षेपिक प्रक्षेपास्त्र का कूटनाम है। माना जाता है कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डी.आर.डी.ओ) ने १९९४ में इस परियोजना को आरम्भ कर दिया है।
सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल

इऩको जमीन से लॉच किया जाता है परन्तु इनका टारगेट हवा मे होता है।

कम दूरी की मिसाइल

  • आकाश- आकाश प्रक्षेपास्त्र भारत द्वारा स्वदेशीय निर्मित, ज़मीन से हवा में निकट दूरी पर मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है।
  • त्रिशूल- त्रिशूल (मिसाइल) कम दूरी का जमीन से हवा में मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है, जिसकी मारक क्षमता 9 किलोमीटर है|

मध्यम दूरी की मिसाइल

  • बराक 8- बराक 8 (Barak 8) एक भारतीय-इजरायली लंबी दूरी वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।

एंटी बैलिस्टिक मिसाइल

  • पृथ्वी एयर डिफेंस- पृथ्वी एयर डिफेंस वायुमंडल के बाहर आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को अवरोधन करने के लिए विकसित एक एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल है। यह पृथ्वी मिसाइल के आधार पर बनायीं गयी है।
  • एडवांस एयर डिफेंस– एडवांस एयर डिफेंस 30 किमी (19 मील) की ऊंचाई पर इंडो-वायुमंडल में आने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों अवरोधन करने के लिए बनायीं गयी एक एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल है।
हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइल

इसको हवा से लॉन्च किया जाता है तथा इनका टारगेट भी हवा मे ही होता है।

अस्त्र – अस्त्र दृश्य सीमा से परे हवा से हवा में मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), भारत ने विकसित किया है। यह हवा से हवा में मार करने वाला भारत द्वारा विकसित पहला प्रक्षेपास्त्र है।

हवा से सतह में मार करने वाले मिसाइल

इऩको हवा से लॉन्च किया जाता है तथा इनका टारगेट जमीन पर होता है।

  • डीआरडीओ एंटी रेडिएशन मिसाइल- डीआरडीओ एंटी रेडिएशन मिसाइल रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित की जा रही एंटी रेडिएशन मिसाइल है। यह भारत की पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल है। यह मिसाइल दुश्मन के राडार व ट्रांसिमट सिग्नलों को खराब कर देती है। 
  • ब्रम्होस

पनडुब्बी प्रक्षेपित बैलिस्टिक मिसाइल

  • के-15 सागारिका- सागारिका भारतीय सेना में शामिल एक परमाणु हथियारों का वहन करने में सक्षम प्रक्षेपास्त्र है जिसे पनडुब्बी से प्रक्षेपित किया जा सकता है। इसकी सीमा ७०० किमी (४३५ मील) है।
  • के-४ एसएलबीएम(परीक्षण के दौर से) – के-४ एक परमाणु क्षमता सम्पन्न मध्यम दूरी का पनडुब्बी से प्रक्षेपित किया जाने वाला प्रक्षेपास्त्र है जिसे भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के द्वारा बनाया जा रहा है। यह प्रक्षेपास्त्र मुख्यत: अरिहंत श्रेणी की परमाणु पनडुब्बियों का हथियार होगा। इस प्रक्षेपास्त्र की मारक क्षमता ३५०० किमी है।
  • के-5 एसएलबीएम(विकासाधीन) – के-5 (K-5) मिसाइल कथित तौर पर भारतीय सामरिक बलों के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकासाधीन पानी के नीचे प्लेटफार्मों से लांच होने वाली मिसाइल है।

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 सामरिक मिसाइल

  • शौर्य- शौर्य प्रक्षेपास्त्र एक कनस्तर से प्रक्षेपित सतह से सतह पर मार करने वाला सामरिक प्रक्षेपास्त्र है जिसे भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने भारतीय सशस्त्र बलों के उपयोग के लिए विकसित किया है। इसकी मारक सीमा ७५०-१९०० किमी है।
  • प्रहार- प्रहार (संस्कृत: प्रहार) एक ठोस इंधन की, सतह-से-सतह तक मार करने में सक्षम कम दुरी की सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल है। यह मिसाइल (प्रक्षेपास्त्र) भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित की गई है।

क्रूज़ मिसाइल-यह Airplane की तरह उडती है तथा वातावरण के नीचली परत मे होती है। • इसका मिसाइल Guidance System बहुत सटीक होता है। • वातावरण के नीचली परत मे उडने के कारण इसकी पहचान करना तथा इसका विनष्टीकरण करना बहुत कठिन काम होता है।

  • ब्रह्मोस-1- ब्रह्मोस एक कम दूरी की रैमजेट, सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे पनडुब्बी से, पानी के जहाज से, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। रूस की एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया तथा भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने संयुक्त रूप से इसका विकास किया है। यह रूस की पी-800 ओंकिस क्रूज मिसाइल की प्रौद्योगिकी पर आधारित है।
  • ब्रह्मोस 2- ब्रह्मोस 2 (BrahMos-2) रूस की एनपीओ मशीनोस्त्रोयेनिया और भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा वर्तमान में संयुक्त रूप से विकासाधीन एक हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल है।
  • भारतीय हाइपरसोनिक मिसाइल- हाइपरसोनिक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक वाहन (Hypersonic Technology Demonstrator Vehicle या HSTDV) एक मानव रहित इस्क्रेमजेट प्रदर्शन विमान है। इसे हाइपरसोनिक गति उड़ान के लिए विकसित किया जा रहा है। इसका विकास रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा किया जा रहे हैं।
  • निर्भय- निर्भय (अर्थात बिना भय) एक लंबी दूरी की सबसॉनिक क्रूज मिसाइल है। इसे भारत में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित किया गया है।

शिप लांच बैलिस्टिक मिसाइल

  • धनुष- धनुष मिसाइल स्वदेशी तकनीक से निर्मित पृथ्वी प्रक्षेपास्त्र का नौसैनिक संस्करण है। यह 56 मीटर लंबा है। यह प्रक्षेपास्त्र परमाणु हथियारों को ले जाने की क्षमता रखता है।
टैंक भेदी मिसाइल-

ये वे मिसाइल होता है, जिनका प्रयोग टैंक को ध्वस्त करने मे किया जाता है।

  • नाग मिसाइल- नाग प्रक्षेपास्त्र (संस्कृत: नाग) एक तीसरी पीढ़ी का भारत द्वारा स्वदेशीय निर्मित, टैंक भेदी प्रक्षेपास्त्र है। यह उन पाँच (प्रक्षेपास्त्र) मिसाइल प्रणालियों में से एक है जो भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विकसित की गई है।
  • अमोघा मिसाइल(विकासाधीन) –अमोघा-1 (Amogha-1) दूसरी पीढ़ी की टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल है। जो 8 किमी तक की सीमा में बिंदु पिन सटीकता से वार कर सकती है।

समन्वित निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम Integrate Guided Missile Development Program

  • यह 1980 मे प्रारम्भ हुआ।
  • इस प्रोग्राम का समापन 2008 मे
  • इसके वास्तुकार डॉ अब्दुल कलाम
  • इस प्रोग्राम के तहत विकसित मिसाइल
  1. पृथ्वी
  2. अग्नि
  3. त्रिशुल
  4. आकाश
  5. नाग

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