अंतरिम बजट (Interim Budget)

जाने  Interim Budget के बारे में पूरी जानकारी 

Interim Budget 2019 /शुक्रवार को वित्त मंत्री अरूण जेटली की गैरमौजूदगी में कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयष गोयल ने मोदी सरकार का आखिरी बजट पेश किया। चूंकि ये चुनावी साल है लिहाज़ा इस बार पूर्ण नहीं बल्कि अंतरिम बजट पेश किया गया है। मोदी सरकार के इस बजट से जैसी उम्मीदें थी ये बजट उन उम्मीदों पर खरा उतरा है। चुनाव से पहले पेश हुए इस बजट में मोदी सरकार ने मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है। किसानों, महिलाओं, सैलरी क्लास, मजदूरों सभी को इस बजट ने सौगात दी है। जहां इस बजट में किसानों को बड़ी राहत देते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की सौगात दी गई है। तो वही महिलाओं के लिए भी कई लुभावनी घोषणाएं हुई वही अगर सबसे ज्यादा राहत किसी को मिली तो वो है सैलरी क्लास को। क्योंकि मोदी सरकार ने इस अंतरिम बजट में टैक्स छूट की सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर सीधे 5 लाख कर दी। जिसकी उम्मीद शायद ही किसी को हो।

अंतरिम बजट पेश हो चुका है लेकिन लोगों में अंतरिम बजट और यूनियन बजट(Budget) को लेकर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। अंतरिम बजट क्या होता है(What is Interim Budget)..क्यों इस बार के बजट को अंतरिम बजट कहा जा रहा है…क्या बजट और अंतरिम बजट में कोई अंतर होता है? जैसे तमाम सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं जिनके जवाब उन्हे नहीं मिल पा रहे। इसलिए इन तमाम सवालों के जवाब देने के लिए ही हमने ये रिपोर्ट तैयार की है। यहां हम आपको बजट और अंतरिम बजट से जुड़ी तमाम बातें बताएंगे जिससे आपकी सारे सवाल क्लियर हो जाएंगे।

अंतरिम बजट क्या है? (Meaning of Interim Budget)

संविधान के अनुसार केन्द्र सरकार पूरे वित्तीय वर्ष(Financial Year) के अलावा भी आंशिक समय के लिए बजट पेश संसद में पेश करती है इसमें कुछ महीनों या फिर कुछ दिनों के राजस्व का लेखा जोखा तय होता है। उसे ही अंतरिम बजट या फिर वोट ऑन अकाउंट (Vote On Account) की संज्ञा दी जाती है। इसे मिनी बजट भी कहा जाता है।

कब पेश होता है अंतरिम बजट?

अंतरिम बजट कब पेश होता है इसको लेकर लोगों में काफी विरोधाभास है। लोग कन्फ्यूज़ है कि अंतरिम बजट आखिर क्यों अलग है और ये कब पेश होता है। दरअसल, अंतरिम बजट चुनावी साल में पेश होता है यानि जिस साल लोकसभा चुनाव होने हो उसी साल अंतरिम बजट पेश किया जाता है। 2019 में लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2019) होने हैं और आज नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) अपना पाचवां और आखिरी अंतरिम बजट 2019 पेश करेगी। जो केवल नई सरकार बनने तक के राजस्व का लेखा-जोखा होगा। इसलिए इसे अंतरिम बजट कहा जा रहा है। ये केवल वित्तीय वर्ष के शुरूआती 4 महीनों का बजट होगा।

अंतरिम बजट और आम बजट में अंतर (Diference Between Interim Budget and Full Budget)

-सीधे सीधे शब्दों में समझे तो आम बजट पूरे वित्तीय वर्ष के राजस्व का लेखा जोखा होता है तो वही अंतरिम बजट एक सीमित अवधि के लिए पेश होता है।
-आम बजट पूरे साल के लिए 1 फरवरी को पेश होता है जबकि अंतरिम बजट केवल चुनावी वर्ष में ही पेश होता है वो भी केवल सीमित अवधि तक
-यूनियन बजट का आर्थिक सर्वेक्षण होता है जबकि अंतरिम बजट पेश होने के बाद कोई आर्थिक सर्वेक्षण नहीं होता।
-आम बजट(Budget) या यूनियन बजट(Union Budget 2019) में बड़े खर्चों को शामिल किया जाता है जबकि अंतरिम बजट में बड़े खर्च का प्रावधान नहीं है।

चलिए अब आपको बताते हैं कि इस बजट से किस वर्ग को क्या मिला यानि किसकी झोली में क्या सौगात आई

किसानों को किसान सम्मान निधि की सौगात

अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने सबसे पहले देश के अन्नदाता किसानों को बड़ी राहत देते हुए उन्हे खुश करने की कोशिश की। 75 हज़ार करोड़ की योजना किसान सम्मान निधि के शुरूआत का ऐलान मोदी सरकार ने इस बजट में किया। इस योजना के तहत छोटे किसानों यानि 2 हेक्टेयर ज़मीन वाले किसानों के खाते में हर साल 6 हजार रुपए डालने का ऐलान किया गया। दो- दो हजार रूपए की तीन किस्तों में इस रकम की अदायगी होगी। इस योजना से सीध 12 करोड़ किसानों को फायदा होगा।

मजदूरों के लिए सालाना बोनस का ऐलान

मोदी सरकार के इस अंतरिम बजट में श्रमिकों के लिए भी बड़ा ऐलान हुआ है। संगठित क्षेत्र में काम करने वाले और महीने में 21 हजार रुपए कमाने वाले लोगों को 7 हजार रुपए सालाना बोनस देने का ऐलान मोदी सरकार ने इस बजट में किया। वही 60 साल से ज्यादा उम्र वाले मजदूरों को हर महीने 3000 रुपए की पेंशन भी अब से मिलेगी। इस योजना से सीधे सीधे 10 करोड़ मजदूरों को फायदा होगा।

घर की चाह रखने वालों को भी राहत

अंतरिम बजट में घर की चाह रखने वालो यानि घर खरीदने वालों को भी जीएसटी में राहत देने का ऐलान किया गया है। 2.40 लाख रुपए तक मकान किराए पर टीडीएस भी खत्म कर दिया गया है।

राष्ट्रीय कामधेनु योजना का ऐलान

मोदी सरकार ने गाय पालन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाते हुए 750 करोड़ के बजट की राष्ट्रीय कामधेनु योजना का ऐलान किया है। इसके साथ ही सरकार ने पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कर्ज में 2 फीसदी छूट का ऐलान किया है।

ग्रामीण महिलाओं को सौगात

मोदी सरकार ने ग्रामीण महिलाओं और गर्भवती महिलाओं को इस अंतरिम बजट में सौगात दी है। ग्रामीण महिलाओं को स्वच्छ ईंधन मुहैया कराने के लिए उज्जवला योजना के तहत 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमें से 6 करोड़ कनेक्शन बांटे जा चुके हैं वही गर्भवती महिलाओं के लिए मातृवंदना योजना लागू की गई जिसका भी गर्भवती महिलाओं को बहु फायदा होगा।

डिफेंस और रेलवे सेक्टर को ये मिला

मोदी सरकार के इस अंतरिम बजट में डिफेंस सेक्‍टर के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के बजट का आवंटन किया गया। बताया जा रहा है ये अब तक रक्षा क्षेत्र में हुआ सबसे ज्यादा आवंटन है। वही अंतरिम बजट में भारतीय रेलवे को 1.58 लाख करोड़ का बजट सौंपा है जिससे रेलवे के आधुनिकीकरण पर फोकस किया जाएगा।

अंतरिम बजट 2019 से जुडे Most Important fact

अंतरिम बजट 2019 में गोयल ने मध्यवर्ग और किसानों के लिए कई तरह के रियायतों की घोषणा की है। इनमें पांच लाख रुपये तक की आय को टैक्सफ्री करने से लेकर छोटे किसानों को सालाना छह हजार रुपये की मदद मुहैया कराने जैसा कदम भी शामिल है।

नई दिल्ली 
केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को अंतरिम बजट 2019 पेश किया। बजट में मध्यवर्ग से लेकर किसानों तक के लिए रियायतों की घोषणा की गई है। इन रियायतों में टैक्स छूट से लेकर किसानों की सहायता भी शामिल हैं। लोकसभा में शुक्रवार को पेश अंतरिम बजट की मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

घोषणाएं- 
1. पांच लाख रुपये तक की आय पर कर में पूरी छूट; अधिक मानक कटौती का प्रस्‍ताव। इससे लघु और मध्‍यवर्ग के करीब तीन करोड़ करदाताओं को 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की राहत।
2. छोटे एवं सीमांत किसानों को सालाना 6,000 रुपये की न्यूनतम सहायता उपलब्ध कराने के लिए ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ (पीएम किसान) योजना की घोषणा।
3. सरकार का 15,000 रुपये तक की मासिक आय वाले असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम-योगी मानधन वृहद पेंशन योजना शुरू करने का प्रस्‍ताव, जिससे 10 करोड़ श्रमिक और कामगार होंगे लाभान्वित।
4. बैंक और डाकघर के बचत खातों में जमा पर मिलने वाले ब्‍याज पर टीडीएस की सीमा सालाना 10,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये की गई।
5. आवास और रीयल एस्‍टेट क्षेत्र को बढ़ावा, वित्त मंत्री ने मध्‍य वर्ग और छोटे करदाताओं के लिए करों में राहत की घोषणा की।
6. अगले पांच वर्ष में एक लाख गांव बनेंगे डिजिटल।
7. सरकार पेट्रोलियम और गैस क्षेत्र में खोज के संबंध में अंतर मंत्रालय समिति द्वारा की गई अनेक सिफारिशों को लागू करेगी।
8. रक्षा बजट बढ़कर 3,05,296 करोड़ रुपये।
9. रेलवे के लिए 64,587 करोड़ रुपये आवंटित।
10. नीति आयोग के तहत एक समिति का गठन किया जाएगा जिसका काम गैर-अधिसूचित, घुमंतू और अर्ध-घुमंतू को औपचारिक रूप से वर्गीकृत करना होगा।
11. सरकारी उपक्रमों द्वारा महिलाओं के स्वामित्व वाले लघु एवं मध्यम उद्यमों से एक निर्धारित अनुपात में सामग्रियों की खरीद की जाएगी।
12. सरकार ने कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर राष्‍ट्रीय कार्यक्रम शुरू करने की परिकल्‍पना की।
13. ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देने के लिए सीमा शुल्‍क और प्रक्रियाओं को युक्तिसंगत बनाया जाएगा एवं निर्यात तंत्र में सुधार के लिए आरएफआईडी प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल किया जाएगा।
14. वर्ष 2019-20 में पूर्वोत्तर क्षेत्रों के लिए अवसंरचना आवंटन 21 प्रतिशत बढ़ाकर 58,166 करोड़ रुपये।
15. राष्ट्रीय शिक्षा योजना के लिए आवंटन 32,334 करोड़ रुपये से बढ़कर 38,570 करोड़ रुपये किया गया।
16. ‘वन रैंक, वन पेंशन’ के तहत मौजूदा सरकार ने 35,000 करोड़ रुपये आवंटित किए।
17. कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआई) नियम के तहत पात्रता 15,000 से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रतिमाह वेतन की गई।
18. सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा।
19. श्रमिकों की न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये तक की गई।
20. पशुपालन के लिए किसानों को कर्ज पर 2 प्रतिशत ब्याज सहायता देगी सरकार।
21. सरकार ने अगले एक दशक के लिए 10 सूत्री परिकल्पना पेश की।
22. हरियाणा में शुरू होने जा रहा है देश का 22वां एम्स।
23. मार्च 2019 तक सभी घरों को मिल जाएगी बिजली।

उपलब्धियांः- 

– बड़ी लाइनों वाले नेटवर्क पर सभी मानवरहित लेवल क्रॉसिंग समाप्‍त किए गए।
– अंतरिम बजट 2019-20 में महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण मिशन के लिए 1,330 करोड़ रुपये।
– सरकार ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए कई उपाय किए।
– सभी केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों तक जीईएम प्लेटफॉर्म का विस्तार किया।
– ‘मुद्रा योजना’ के तहत 7,23,000 करोड़ रुपये के 15.56 करोड़ ऋण का वितरण हुआ।
– राजकोषीय घाटा कम होकर 3.4 प्रतिशत पर; औसत मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत, पांच वर्षों में एफडीआई 239 अरब डॉलर, बैंकों को तीन लाख करोड़ रुपये ऋण का भुगतान प्राप्त हुआ।
– इस वर्ष कर वसूली 2013-14 के 6.38 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 12 लाख करोड़ रुपये हुई।
– कर आधार में 80 प्रतिशत वृद्धि; रिटर्न के दाखिले की संख्या 3.79 करोड़ से बढ़कर 6.85 करोड़ हुई।
– काले धन के खिलाफ उठाए गए कदमों से 1.30 लाख करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला।
– 6,900 करोड़ रुपये की बेनामी परिसम्‍पत्तियों और 1,600 करोड़ रुपये की विदेशी परिसंम्‍पत्तियों को जब्त किया गया।
– वित्त वर्ष 2017-18 में प्रत्यक्ष कर संग्रहण में 18 प्रतिशत की वृद्धि, नोटबंदी के कारण वित्त वर्ष 2017-18 में पहली बार 1.06 करोड़ लोगों ने आयकर दाखिल किया।
– बैंकों के राष्ट्रीयकरण की आधी सदी के बाद जेएएम-डीबीटी ने दूरगामी परिवर्तन किए हैं। पिछले पांच वर्षों के दौरान जन धन योजना के तहत 34 करोड़ नए बैंक खाते खोले गए।
– सरकारी उद्यमों की कुल खरीद में छोटे उद्यमों से आपूर्ति को बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया। इसमें भी तीन प्रतिशत आपूर्ति महिला उद्यमियों के उद्यम से करने का नियम बनाया।

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