डेंगू के लक्षण कब शुरू होते हैं: डेंगू को जल्दी कैसे ठीक करें, आइए जाने

डेंगू के लक्षण कब शुरू होते हैं: इस पोस्ट में हम आपको डेंगू के लक्षण कब शुरू होते हैं: इसकी पूरी जानकारी देंगे  अगर आपको किसी भी टॉपिक नोट्स  या कोई भी सीलेबस  या कोई भी न्यूज की जानकारी या  पीडीऍफ़ चाहिये तो आप हमे Comment माध्यम से जरुर बताएं  हम आपकी समस्या का समाधान जल्द से जल्द करेंगे  उस  टॉपिक पर पोस्ट जरुर बनायेंगे  तो आप हमारी बेबसाइट को रेगुलर बिजिट करते रहिये | और  YouTube के माध्यम से पड़ने के लिए नीचे दिए गए लिंग पर क्लिक कर सकते है |

डेंगू के लक्षण कब शुरू होते हैं

डेंगू के लक्षण कब शुरू होते हैं: जैसे कि, तेज बुखार, शरीर और सिर में तेज दर्द आदि। यह एडीज मच्छर के काटने से होता है। डेंगू माइल्ड या गंभीर हो सकता है।

डेंगू का सटीक उपचार संभव नहीं है। हालांकि, उपचार की मदद से इसके लक्षणों में सुधार किया जा सकता है। गंभीर डेंगू होने पर मरीज को हॉस्पिटल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है। भारत में डेंगू बरसात और उसके तुरंत बाद के महीने में सबसे अधिक फैलता है।

लक्षण इसे जल्दी कैसे ठीक करें 

डेंगू के लक्षण इसकी गंभीरता के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। बच्चों और किशोरों में माइल्ड डेंगू होने पर लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। संक्रमित होने के बाद आमतौर पर 4-7 दिनों के अंदर डेंगू के लक्षण नजर आने लगते हैं।

डेंगू के मुख्य लक्षणों में तेज बुखार (104° F) शामिल है। अन्य लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • सिर में दर्द
  • जी मिचलाना
  • उल्टी होना
  • आंखों में दर्द होना
  • जोड़ों, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द
  • त्वचा पर लाल चकत्ते होना
  • ग्लैंड्स में सूजन होना

गंभीर डेंगू होने पर रक्तस्रावी बुखार या डीएचएफ होने का खतरा बढ़ जाता है। इस स्थिति में रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और खून में प्लेटलेट की संख्या कम हो जाती है। इस दौरान कुछ लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जैसे कि:

  • पेट में तेज दर्द
  • लगातार उल्टी होना
  • मसूड़ों या नाक से खून आना
  • सांस लेने में कठिनाई होना
  • बेचैनी और चिड़चिड़ापन होना
  • थकान और कमजोरी महसूस करना
  • पेशाब, मल या उल्टी के साथ खून आना
  • त्वचा के नीचे रक्तस्राव होना (यह चोट जैसा नजर आ सकता है)

डेंगू का इलाज 

डेंगू का सटीक उपचार उपलब्ध नहीं है, लेकिन उपचार के कुछ खास माध्यमों की मदद से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। डेंगू के कारण उत्पन्न बुखार और दर्द को नियंत्रित करने के लिए डॉक्टर दर्दनिवारक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं।

डेंगू को नियंत्रित रखने के लिए शरीर को हाइड्रेट रखना एक महत्वपूर्ण तरीका है। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए डॉक्टर मरीज को पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पानी पीने की सलाह देते हैं। साथ ही, मामला गंभीर होने पर मरीज की नसों के जरिए इंट्रावेनस फ्लूइड या इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट दी जाती है।

कुछ मामलों में मरीज की उम्र और समग्र स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग और खून चढ़ाकर (ब्लड ट्रांसफ्यूजन) इलाज किया जाता है। डेंगू होने पर आपको बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन करने से बचना चाहिए।

डेंगू का घरेलू इलाज 

कुछ खास घरेलू उपायों की मदद से डेंगू के लक्षणों में सुधार किया जा सकते हैं जैसे कि:

  • बुखार ख़त्म होने के 48 घंटों के बाद तक ज्यादा से ज्यादा पानी पीना
  • डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का सही समय पर और सही मात्रा में सेवन करना
  • ज्यादा से ज्यादा आराम करना
  • कमरे का तापमान ठंडा रखने के लिए पंखा चलाकर रखना
  • बुखार को कम करने के लिए गीली पट्टी का इस्तेमाल करना
  • तरल पदार्थ का सेवन करना, क्योंकि यह बहुत फायदेमंद होता है
  • बिना डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन न करना

इन सबके अलावा, आप दिन में कितनी बार पेशाब करते हैं इसकी संख्या और पेशाब के रंग को नोट करें और डॉक्टर से बताएं।

डेंगू के जोखिम करक 

अनेक ऐसे कारक हैं जो डेंगू के जोखिम यानी खतरे को बढ़ाते हैं। इसमें मुख्य रूप से निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • ऐसे क्षेत्र में रहना जहां एडीज मच्छरों का प्रकोप है
  • पहले कभी डेंगू संक्रमण होना
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना
  • प्लेटलेट की संख्या कम होना

डेंगू की जटिलताएं 

गंभीर डेंगू होने पर यह लिवर, फेफड़ों और दिल को प्रभावित कर सकता है जिसके कारण ब्लड प्रेशर काफी कम हो सकता है। डेंगू संबंधित जटिलताओं में निम्न शामिल हो सकते हैं:

  • पेट में तेज दर्द होना
  • लिवर में फ्लूइड जमा होना
  • रक्तस्राव होना
  • कमजोरी होना
  • जी मिचलाना
  • सीने में तरल पदार्थ का जमा होना

डेंगू से बचाव 

अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन (US Food and Drug Administration) ने 2019 में 9-16 वर्ष की उम्र वाले बच्चों में डेंगवैक्सिया नामक एक डेंगू के टीके का उपयोग करने की मंजूरी दी थी। हालांकि, भारत में इस टीके को इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी गई है।

डेंगू एक संचारी बीमारी है जो मच्छरों द्वारा एक से दूसरे इंसान में फैलती है। इसका टीका नहीं होने के कारण, इससे बचने का एकमात्र उपाय है मच्छरों से खुद को बचाकर रखना। इसके लिए आप मॉस्किटो रेप्लेंट्स या मच्छरदानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसके अलावा, शाम होने से पहले अपने घर की खिड़कियों को बंद कर दें, शरीर को पूरी तरह ढककर रखें, अपने घर में या उसके आसपास पानी जमा न होने दें, पानी को ढककर रखें, अगर कोई पानी का स्रोत है तो उसे हटा दें या ढक दें या उपयुक्त कीटनाशक का इस्तेमाल करें।

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