बहुउद्देशीय परियोजनाएँ-हिंदी में

नमस्कार दोस्तो ,

इस पोस्ट में हम आपको  बहुउद्देशीय परियोजनाएँ के बारे में जानकारी देंगे, क्युकी इस टॉपिक से लगभग एक या दो प्रश्न जरूर पूछे जाते है तो आप इसे जरूर पड़े अगर आपको इसकी पीडीऍफ़ चाहिये तो कमेंट के माध्यम से जरुर बताये| आप हमारी बेबसाइट को रेगुलर बिजिट करते रहिये, ताकि आपको हमारी डेली की पोस्ट मिलती रहे और आपकी तैयारी पूरी हो सके|

 बहुउद्देशीय परियोजनाएँ


इस भाग में हमने भारत की प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजनाएं व् उनके बारे में संक्षिप्त में जानकारी प्रकाशित की है भारत के बड़े बांधो को बहुउद्देशीय परियोजना कहा जाता है क्यूंकि इन बांध का कार्य देश के राज्यों के क्षेत्रों को जल व् बिजली की पूर्ति करना आदि होता है.

इन बांधो का उपयोग बिजली, सिंचाई, मछली पालन, पर्यटन बाढ़ में कमी आदि किया जाता है.

भारत में महत्वपूर्ण बहुउद्देशीय परियोजना हिंदी में

निचे प्रकाशित की गई भारत की बहुउद्देशीय परियोजनाएं के बारे महत्वपूर्ण जानकारी को ध्यान से  पड़े और सामान्य जानकारी प्राप्त करें. इस लेख को पढने के बाद आपको भारत की बहुउद्देशीय परियोजनाओं के बारे में कई सवालों के जवाब मिल सकेंगे.

दामोदर घाटी परियोजना 

दामोदर नदी पर बनी इस परियोजना का उदग्म छोटा नागपुर पठार से होते हुए हुगली नदी नदी में मिलती है यह नदी झारखण्ड तथा पश्चिम बंगाल में बहती है. इस नदी को गाल का शोक भी कहा जाता है. इस घटी परियोजना की शुरुआत वर्ष 1948 में की गई थी जिसके अंतर्गत कुल 8 बांध बनाए गए हैं जिनमें से प्रमुख बांध कोनार, मैथन, तिलैया, पंचेतहिल हैं।

कोसी परियोजना 

ये परियोजना कोसी नदी पर बनी है। कोसी नदी तिब्बत के पठार से निकल कर नेपाल तथा बिहार में बहती है और अंत में गंगा में मिल जाती है।
कोसी नदी पर बनी यह परियोजना भारती की एक प्रमुख घाटी पयोजना है| यह नदी तिब्बत के पठार से निकल कर नेपाल तथा बिहार में बहती है और गंगा नदी में मिल जाती है, स्वयं के द्वारा यह नदी हिमालय से लायी मिटटी से अपना रस्ता अवरुद्ध करती है और प्रत्येक वर्ष अपना रास्ता बदल लेती है जिसके कारण बिहार में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है, इस नदी को बिहार का शोक भी कहा जाता है, कोसी नदी पर नेपाल में हनुमान नगर बांध बनाया गया है.

रिहन्द बांध परियोजना 

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में रिहंद नदी पर रिहंद बांध बनाया गया है इस बाँध के कारण निर्मित झील को गोविंद बल्लभ पंत सागर झील कहते है जोकि भारत की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है सोन नदी की सहायक नदी रिहन्द नदी है.

चंबल परियोजना 

मध्य प्रदेश में मालवा के पठार से चंबल नदी का उदग्म होता है और बाद में ये यमुना से इटावा में मिल जाती है।
इसी नदी पर मुख्य 3 बांध बनाए गए हैं –
जवाहर सागर बांध – राजस्थान में।
राणा सागर बांध – राजस्थान में।
गाँधी सागर बांध – मध्य प्रदेश में।
मध्य प्रदेश तथा राजस्थान की यह संयुक्त परियोजना है।

हीराकुण्ड बांध 

हीराकुण्ड बांध को विश्व का सबसे लंबा बाँध माना गया है जिसकी लम्बाई 4801 मी० है, यह बांध महानदी पर उड़ीसा में बना है और महानदी को उड़ीसा का शोक भी कहा जाता है।

इंदिरा गाँधी नहर परियोजना 

यह नहर परियोजना विषय की सबसे बड़ी नहर प्रणाली है और साथ ही दुनिया की विशालतम सिंचाई परियोजना भी है.
इंदिरा गांधी नहर राजस्थान की एक प्रमुख नहर है इसका उद्घाटन 31 मार्च 1958 को किया गया इसके बाद 2 नवंबर 1984 को को इसका नाम इंदिरा गांधी नहर परियोजना कर दिया गया।

भाखड़ा-नांगल परियोजना 

वर्ष 1948 में भाखड़ा-नांगल परियोजना शुरू की गई थी जिसका कार्य 1968 पूरा हुआ था| भाखड़ा-नांगल परियोजना का दो बांधो भाखड़ा और सतलज नदी से प्राप्त हुआ है, भाखड़ बांध हिमाचल प्रदेश में स्थित है तथा नांगल बांध पंजाब में स्थित है।
भारत के पांच राज्यों को इस बाँध का लाभ मिलता है – पंजाब, हरियाणा राजस्थान, दिल्ली तथा हिमाचल प्रदेश।
गोविंद सागर झील भाखड़ा बांध द्वारा निर्मित झील है तथा ये हिमाचल प्रदेश में स्थित है।
यह विषय का सबसे ऊंचा गुरूत्वीय बांध है, जिसकी ऊंचाई 226 मी० है।

टिहरी बांध परियोजना 

इस परियोजना के अंतर्गत भारतीय राज्य उत्तराखंड के टिहरी जिले में भागीरथी तथा भिलंगाना नदियों के संगम पर स्थित है यह भारत के सबसे ऊँचे टिहरी बाँध का निर्माण किया गया.
इस बांध के अंतर्गत यह भूकम्प जोन V में आता है।
पूरा हिमालय क्षेत्र भी इसी जोन V के अंतर्गत आता है अर्थात यहां पर रिक्टर स्केल पर 8 से अधिक माप वाले भूकंप आने की संभावना बनी रहती है।
टिहरी बांध की उंचाई 260.5 मी० (855 फीट) है।

नर्मदा घाटी परियोजना

ये परियोजना मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक मानी जाती है, यह परियोजना जीवनदायिनी कहे जाने वाले नर्मदा नदी पर केन्द्रित है, नर्मदा नदी अरब सागर में गिरने वाली सबसे लम्बी और भारत की 5वीं सबसे लम्बी नदी है|
इस परियोजना के अंतर्गत 4 प्रमुख बांध है-
नर्मदा सागर परियोजना – मध्य प्रदेश में।
ओंकारेश्वर परियोजना – मध्य प्रदेश में।
माहेश्वर परियोजना – मध्य प्रदेश में।
सरदार सरोवर परियोजना – गुजरात में।

सरदार सरोवर परियोजना 

नर्मदा पर बनने वाले बंधो में से सरदार सरोवर और महेश्वर दो सबसे बड़ी बांध परियोजनाएं है, ये परियोजना भारत के 4 मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात एवं राजस्थान राज्यों की संयुक्त परियोजनाएं है।
इस परियोजना का लक्ष्य गुजरात के सूखाग्रस्त इलाक़ों में पानी प्रदान करना और मध्य प्रदेश के लिए बिजली पैदा करना

नर्मदा नदी पर बना सरदार सरोवर बांध भारत का दूसरा सबसे बड़ा बाँध है जोकि 138 मीटर ऊँचा (नींव सहित 163 मीटर) है।

केन-बेतवा लिंक परियोजना 

ये परियोजना 2005 में शुरू की गयी थी और इसका खाका 2008 में तैयार किया गया था। यमुना नदी की सहायक नदियाँ केन तथा बेतवा दोनों मध्य प्रदेश तथा उत्तर प्रदेश में बहती हैं।

कैसी लगी आपको भारत के प्रमुख बहुउद्देशीय परियोजनाएँ-हिंदी में के बारे में यह पोस्ट हमें कमेन्ट के माध्यम से अवश्य बताये और आपको किस विषय की नोट्स चाहिए या किसी अन्य प्रकार की दिक्कत जिससे आपकी तैयारी पूर्ण न हो पा रही हो हमे बताये हम जल्द से जल्द वो आपके लिए लेकर आयेगे| आपके कमेंट हमारे लिए महत्वपूर्ण है |

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