भारत के प्रमुख हिन्द धाराएँ और महासागर-हिंदी में

नमस्कार दोस्तो ,

इस पोस्ट में हम आपको भारत के प्रमुख हिन्द धाराएँ और महासागर-हिंदी में  के बारे में जानकारी देंगे, क्युकी इस टॉपिक से लगभग एक या दो प्रश्न जरूर पूछे जाते है तो आप इसे जरूर पड़े अगर आपको इसकी पीडीऍफ़ चाहिये तो कमेंट के माध्यम से जरुर बताये| आप हमारी बेबसाइट को रेगुलर बिजिट करते रहिये, ताकि आपको हमारी डेली की पोस्ट मिलती रहे और आपकी तैयारी पूरी हो सके|

वायुमंडल की संरचना-हिंदी में


उत्तर में पूर्णतः स्थल से घिरा केवल अर्द्ध महासागर होने के कारण हिन्द महासागर (Indian Ocean) में धाराओं के संचरण की विशेषताएं अटलांटिक (Atlantic) और प्रशांत महासागरों (Pacific Oceans) से भिन्न हैं। हिन्द महासागर (Indian Ocean) के उत्तरी भाग की धाराएँ सामान्य प्रवाह तंत्र से बिल्कुल अलग हैं। मानसूनी मौसमी (Monsoon Season) व्यवस्था के अनुसार धाराएँ भी एक मौसम से दूसरे मौसम में अपनी दिशाएँ बदलती रहती हैं। इस महासागर में पवन का प्रभाव अधिक स्पष्ट है।

1. दक्षिणी-विषुवत रेखीय धारा 

इस धारा का जन्म दक्षिणी-पूर्वी व्यापारिक पवनों के प्रभाव से होता है जो आस्ट्रेलिया में पश्चिम में पूर्व की ओर चलती है। यह धारा मेडागास्कर तट पर दक्षिण की ओर मुड़ जाती है। शीत ऋतु में उत्तरी विषुवतीय धारा और दक्षिणी विषुवतीय धारा पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है और दोनों विषुवतीय धाराओं के बीच एक विरुद्ध विषुवतीय धारा पश्चिम से पूर्व की ओर यानि जंजीबार से सुमात्रा की ओर बहती है।

2. उत्तरी-पूर्वी मानसून धारा 

यह धारा भूमख्य रेखा के उत्तर में बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चलती है। शीतकाल में उत्तरी पूर्वी मानसून पवनें स्थल से जल की ओर बहती है। इन पवनों के प्रभाव से हिन्द महासागर में सोमाली और अण्डमान द्वीपों के मध्य उत्तरी-पूर्वी गर्म धाराएं उत्पन्न होती हैं।

3. दक्षिणी-पश्चिमी मानसून धारा 

ग्रीष्मऋतु में उत्तरी गोलार्द्ध में मानसूनी पवनों की दिशा दक्षिण-पश्चिम में परिवर्तित हो जाती है। इससे पूरी धारा का क्रम बदल जाता है। यह धारा अपनी अनेक छोटी-छोटी उप-धाराओं के साथ बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में घुसती हैं, जिससे शीतऋतु की धारा मुड़ जाती है।

4. मोजाम्बिक धारा 

दक्षिणी विषुवतीय धारा से मोजाम्बिक धारा का जन्म होता है जो पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित होती है। अफ्रीका के मोजाम्बिक तट के समीप यह धारा दक्षिण की ओर मुड़ जाती है। मोजाम्बिक के मुहाने से होकर बहने वाली इस धारा को गर्म मोजाम्बिक धारा कहते हैं।

5. अगुलहास धारा 

जब मोजाम्बिक धारा उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ती है तथा दक्षिणी विषवुतीय धारा की उप शाखा से मिल जाती है तो यह मेडागास्कर के तट से लगकर बहती है। इस संगम के बाद इसे अगुलहास धारा कहते हैं। यह एक गर्म धारा है। यह धारा अफ्रीका के पूर्वी तट से लगभग 80 किमी. की दूरी पर बहती है।

6. दक्षिणी हिन्द महासागर की धारा 

दक्षिण हिन्द महासागर की धारा एक ठंडी जल धारा है जो अगुलहास धारा का ही विस्तार है। यह पछुआ पवन द्वारा प्रेरित प्रवाह में मिलकर दक्षिणी हिन्दी धारा के नाम से पूर्व की ओर बहने लगती है। आस्ट्रेलिया के – दक्षिण-पश्चिम किनारे के समीप इसकी एक शाखा उत्तर की ओर मुड़कर आस्ट्रेलिया के पश्चिम तट से लगकर उत्तर की ओर बहने लगती है जिसे पश्चिम आस्ट्रेलियाई धारा कहते हैं। यह भी ठंडी जलधारा है और आखिर में यह दक्षिणी विषुवतीय धारा से मिलकर धाराओं के चक्र को पूरा करती है। 

हिन्द महासागर की धाराएँ 

1.उत्तरी हिन्द महासागर 

2.दक्षिणी हिन्द महासागर 

उत्तर विषुवत्रेखीय धारा (गर्म) 

दक्षिणी विषुवतरेखीय धारा (गर्म) 

प्रति विषुवतरेखीय धारा (गर्म)  मेडागास्कर धारा (गर्म) 
उत्तर पूर्वी मानूसनी धारा (गर्म)  मोजाम्बिक धारा (गर्म) 
दक्षिणी पश्चिमी मानूसनी धारा (गर्म) पश्चिमी पवन प्रवाह (ठण्डी) 

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