भारतीय संवैधानिक विकास-हिंदी में

नमस्कार दोस्तो ,

इस पोस्ट में हम आपको भारतीय संवैधानिक विकास-हिंदी में  के बारे में जानकारी देंगे, क्युकी इस टॉपिक से लगभग एक या दो प्रश्न जरूर पूछे जाते है तो आप इसे जरूर पड़े अगर आपको इसकी पीडीऍफ़ चाहिये तो कमेंट के माध्यम से जरुर बताये| आप हमारी बेबसाइट को रेगुलर बिजिट करते रहिये, ताकि आपको हमारी डेली की पोस्ट मिलती रहे और आपकी तैयारी पूरी हो सके|

भारतीय संवैधानिक विकास-हिंदी में


इसके तहत सबसे पहला एक्ट या अधिनियम ‘ रेग्यूलेटिंग एक्ट ‘ था जिसे 1773 में ब्रिटेन संसद से पारित करके भेजा गया था । इसके कारण ईस्ट इंडिया कंपनी को 20 वर्ष का व्यापारिक एकाधिकार प्राप्त हुआ ।
 इसमें ब्रिटेन से “24 Board members” को ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन चलाने के लिए नियुक्त किया गया ।
अब बंगाल का गवर्नर , बंगाल का गवर्नर जनरल कहलाने लगा ।
बंगाल का पहला गवर्नर जनरल :- वॉरेन हेस्टिंग्स
1774 में कलकत्ता में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई जिसमें मुख्य न्यायाधीश ‘ लॉर्ड ऐलिजा इम्पे ‘ को नियुक्त किया गया ।

 इसमें तीन अन्य मुख्य न्यायाधीश –
Lord hide , Lord chambers , Lord Limaster
➣ वॉरेन हेस्टिंग्स , मुख्य न्यायाधीश इम्पे के साथ मिलकर अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने लगा इसी कारण 3 लोगों ने इस पर कुशासन का आरोप लगाया वे तीन लोग – नंद कुमार , चेत सिंह , घसीठी बैगम 
➣ इससे परेशान होकर वॉरेन ने 1784 में इम्पे से कहकर तीनों को फांसी दे दी गई ।

 Pitts India Act 1784

अधिकारों का दुरुपयोग होने के कारण ब्रिटेन से एक और अधिनियम पारित किया गया जिसे 1784 का “पिट्स इंडिया अधिनियम” कहा गया ।
इसमें एक 6 सदसीय बोर्ड ” A Board of Controllers “ का गठन किया गया इस बोर्ड के पास बंगाल गवर्नर जनरल के द्वारा लिए गए फैसले को रद्द करने का अधिकार प्राप्त था । इसके बाद कंपनी से व्यापार एवं प्रशासन को अलग किया गया ।
कार्यपालिका तथा न्यायपालिका को अलग कर यह नियम बना दिया गया कि दोनों एक-दूसरे के कार्यों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे ।

1793 Charter official recor Act

ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को 20 वर्षों तक बढ़ा दिया गया अर्थात अब ब्रिटेन से भारत एवं अन्य पूर्वी देशों में व्यापार करने का एकाधिकार केवल ईस्ट इंडिया कंपनी का होगा ।
भारत में नियुक्त सभी ब्रिटिश कर्मचारियों तथा अधिकारियों के वेतन भत्ते भारतीय राजस्व से ही दिए जाएंगे ।
21 अप्रैल 1793 से ही ICS ( भारतीय नागरिक सेवा ) की स्थापना की गई । ICS का जनक लॉर्ड केडवालिस को कहा जाता है । हर वर्ष इसी दिन 21 अप्रैल को नागरिक सेवा दिवस के रूप में मनाया जाता है ।

1813 Charter Act

भारत में ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिए ईसाई मिशनरियों का आगमन हुआ ।
यह निश्चित किया गया कि हर साल भारतीय राजस्व से ₹100000 की राशि को भारतीय शिक्षा पद्धति के लिए खर्च किया जाएगा ।
ईस्ट इंडिया कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार खत्म कर दिए गए अब केवल कंपनी के पास केवल दो व्यापार का एकाधिकार शेष रहा
1. चाय का व्यापार
2. चीन के साथ व्यापार
इसके साथ प्रत्येक ब्रिटिश नागरिक के लिए भारत में व्यापार करने तथा भूमि खरीदने के सारे रास्ते खोल दिए गए ।

1833 Charter Act 

ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रशासन का केंद्रीकरण कर दिया ।
बंगाल का गवर्नर जनरल , भारत का गवर्नर जनरल कहलाने लगा ।
भारत का प्रथम गवर्नर जनरल :- लॉर्ड विलियम बैंन्टिक
ईस्ट इंडिया कंपनी का चाय व चीन के साथ व्यापार का एकाधिकार भी समाप्त कर दिया गया ।
1835 में अंग्रेजी भारत की आधिकारिक भाषा बना दिया गया ।

1853 Charter Act 

24 बोर्ड मेंबर में से 6 बोर्ड मेंबर को ईस्ट इंडिया कंपनी से निलंबित किया गया इसकी संख्या को 24 से घटाकर 18 कर दिया गया ।
 1853 से ही ICS के लिए लिखित परीक्षा भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौजी द्वारा शुरुआत की गई ।
अंग्रेज नहीं चाहते थे कि भारतीय भी ICS परीक्षा में बैठे , इसलिए 1853-1922 तक परीक्षा लंदन में ही आयोजित की जाती थी तथा 1923 से ICS की परीक्षा भारत में आयोजित की जाने लगी ।
ICS की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले प्रथम भारतीय सुरेंद्रनाथ बेनर्जी थे ।
प्रथम भारतीय ICS ऑफिसर सत्येंद्र नाथ टैगोर थे

क्राउन शासन 1858 – 1947

1858 का भारत शासन अधिनियम 

  •  महारानी विक्टोरिया को भारत की समाग्री घोषित किया गया ।
     ईस्ट इंडिया कंपनी को बंद कर दिया गया ।
     सभी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर भी निलंबित कर दिए गए ।
     एक नए पद भारत का राज्य सचिव की स्थापना की गई ।
     भारत का गवर्नर जनरल , भारत का वायसराय कहलाने लगा ।
    भारत का प्रथम वायसराय :- लॉर्ड कैनिंग
     लॉर्ड कैनिंग ने यह सभी घोषणाएं इलाहाबाद के मिंटो पार्क में की ।

1861 का भारतीय परिषद अधिनियम 

  • 1860 में प्रथम भारतीय बजट जेम्स विलसन के द्वारा पेश किया गया ।
     विश्व का प्रथम बजट 1773 में ब्रिटेन में रॉबर्ट वॉलपोल के द्वारा पेश किया गया ।
    1860 के बजट के तहत भारत में आयकरकी शुरुआत हुई और यह निर्धारित किया गया कि जिस व्यक्ति की वार्षिक आय ₹500 या इससे अधिक है उस व्यक्ति को उस आय पर आयकर देना होगा ।
    लॉर्ड कैनिंग को ही भारत का आयकर जनक कहा जाता है
    1861 से ही भारत में IPC ( भारतीय दंड संहिता ) की शुरुआत की गई ।
    1861 में भारत के वायसराय को अध्यादेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गई ।

Note :-यदि संसद में कोई भी सत्र न चल रहा हो तथा आपात रुप में किसी भी कानून की आवश्यकता हो तो भारत के राष्ट्रपति द्वारा आर्टिकल -123 , 213 के तहत एक अध्यादेश पास कर सकते हैं तथा यह अध्यादेश तुरंत प्रभाव से कानून की तरह लागू हो जाता है ।

1862 में भारत में 3 उच्च न्यायालय कलकत्ता, मद्रास तथा बॉम्बे हाई कोर्ट की स्थापना की गई ।
1862 में पोर्ट फोलियो आयोग के तहत लॉर्ड कैनिंग ने ही भारत का विभागीकरण किया इन्हें भारत विभागीकरण का जनक कहा जाता है ।
भारत का वायसराय 1884-1885 तक लॉर्ड डफरिन बना ।
1885 में ए.ओ.हयूम द्वारा कांग्रेस की स्थापना की गई कांग्रेस शब्द USA से लिया गया है जिसका अर्थ शिक्षित लोगों का समूह होता है ।
कांग्रेस का सबसे पहला अधिवेशन बॉम्बे के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में हुआ जिसमें 72 सदस्यों ने भाग लिया तथा कांग्रेस के पहले अध्यक्ष W.C. बेनर्जी बने ।
 1892 में कांग्रेस में दो शब्द Indian National दादा भाई नारोजी द्वारा जोड़ दिए गए तथा INC ( Indian National Congress ) का निर्माण हुआ ।

 1892 का भारतीय परिषद अधिनियम 

इस अधिनियम के तहत भारत में पहली बार निर्वाचन ( election ) शब्द इस्तेमाल किया गया ।
भारतीयों को पहली बार बजट पर बहस करने का अधिकार दिया गया लेकिन उन्हें बजट पर वोट करने का अधिकार नहीं दिया गया ।
भारत का नया वायसराय लॉर्ड कर्जन ( 1899-1905 ) बनकर आया ।
कर्जन भारत का सबसे अप्रिय वायसराय कहलाया क्योंकि इसी के द्वारा 1905 में बंगाल का विभाजन किया गया ।
1906 मेंआगा खां के द्वारा ढाका में मुस्लिम लीग की स्थापना हुई ।
1907 में सूरत के कांग्रेस अधिवेशन में कांग्रेस का विभाजन दो दलों गरम तथा नरम दल में हो गया जिसकी अध्यक्षता राज बिहारी घोस द्वारा की गई थी ।

 1909 का मॉरले मिंटो रिफॉर्म अधिनियम 

 इसके तहत भारतीय मुसलमानों को एक पृथक निर्वाचन मंडल दिया गया तथा उन्हें मतदान के विशेष अधिकार दिए गए
 गांधीजी ने इस अधिनियम को भारत का सर्वनाश करने वाला बताया था
 इस समय भारत का राज्य सचिव लॉर्ड मोरले तथा वायसराय लॉर्ड मिंटो -II थे ।

1919 का मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड रिफॉर्म सुधार अधिनियम 

 इसी के तहत प्रांतों में द्वैध शासन लगाया गया ।
ब्रिटिश कर्मचारियों तथा अफसरों के वेतन पुन: ब्रिटेन से ही दिए जाने लगे ।
भारत में निर्वाचन पद्धति को लागू किया गया ।
1928 मे साइमन कमीशन ( श्वेत आयोग ) का आगमन हुआ जिसमें कुल 7 सदस्य थे ।
लाहौर तथा पूरे भारत में साइमन वापस जाओ के नारो के साथ इस कमीशन का पुरजोर विरोध हुआ । इस विरोध को रोकने के लिए लाहौर में अंग्रेजों के लेफ्टिनेंट स्कोट द्वारा लाठीचार्ज किया गया जिसमें पंजाब केसरी लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई ।
 जबकि कुछ लोग ऐसे थे जो इस साइमन कमीशन का स्वागत कर रहे थे –
1. डॉ. भीमराव अंबेडकर
2. मोहम्मद सैफी ग्रुप ऑफ मुस्लिम लीग ।
3. Unionist Party
1928 में भारत का राज्य सचिव लॉर्ड बर्कन हैड थे । यही बर्कन साइमन कमीशन के संबंध में उस समय के कांग्रेस अध्यक्ष श्री मोतीलाल नेहरू के पास पहुंचे तभी मोतीलाल नेहरू ने बर्कन से स्वराज की मांग कर दी ।
 1928 में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई जिसमें मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट पेश की । केवल मोहम्मद अली जिन्ना की ने इस रिपोर्ट पर हस्ताक्षर नहीं किए ।

Note :- नेहरू रिपोर्ट को ही भारतीय संविधान का Blue Print कहा जाता है ।

तब मोतीलाल नेहरू ने मांग की कि भारत को एक डोमिनियन राज्य का दर्जा दिया जाए ।
एक बार फिर कांग्रेस का विभाजन दो गुटों में हो गया ।
1. पुरानी कांग्रेस ( Old Congress ) :-
अध्यक्ष – मोतीलाल नेहरू
2. अखिल भारतीय युवा कांग्रेस
अध्यक्ष – पंडित जवाहरलाल नेहरू
1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज को ही भारत का लक्ष्य घोषित किया गया जिसे जिसके अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू थे ।
26 जनवरी 1930 को कांग्रेस में पहली बार पूर्ण स्वराज दिवस मनाया गया ।
1931 में कांग्रेस का करांची अधिवेशन हुआ जिसमें कांग्रेस के द्वारा मौलिक अधिकारों की मांग की गई जिसकी अध्यक्षता भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल ने की थी ।

Note :- 1. ब्रिटेन के तीनो गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने डॉ. भीमराव अंबेडकर पहुंचे थे ।
2. गांधीजी ने द्वितीय गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया था ।

1935 का भारत शासन अधिनियम 

प्रांतों में द्वैध शासन का अंत किया गया जिसके स्थान पर केंद्र में द्वैध शासन लगाया गया ।
1 अप्रैल 1935 को RBI ( भारतीय रिजर्व बैंक ) की स्थापना हुई ।
1935 में ही सुप्रीम कोर्ट को कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित किया गया और दिल्ली में ही एक संघीय न्यायालय की स्थापना हुई ।
1937 से सुप्रीम कोर्ट कार्यरत हुआ ।
1937 से ही बर्मा को भारत से पृथक किया गया ।
भारत में द्विसदनीय प्रशासन व्यवस्था की स्थापना की गई जो आज भी लोकसभा तथा राज्यसभा के रूप में कार्यरत है ।
राज्य सचिव का पद समाप्त कर दिया गया ।

भारत की संविधान सभा 

1940 में अंग्रेजों द्वारा अगस्त प्रस्ताव भेजा गया जो अंग्रेजों द्वारा भारत की संविधान सभा की मांग को पूरा करने वाला सबसे पहला प्रस्ताव था ।
इसी प्रस्ताव को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दरवाजे पर जंग लगी कील कहा ।
इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया तथा इसी के खिलाफ 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह का प्रस्ताव पारित किया गया जिसके प्रस्तावक गांधीजी थे ।

Note :- सबसे पहले व्यक्तिगत सत्ता सत्याग्रह करने वाले आचार्य विनोबा भावे तथा दूसरे पंडित जवाहरलाल नेहरु थे ।

1942 में अंग्रेजों के द्वारा एक और क्रिप्स मिशन का प्रस्ताव भेजा गया । गांधीजी ने इसे Post dated cheque कहा । इसे भी ठुकरा दिया गया ।
8 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया जिसे अगस्त क्रांति भी कहा जाता है इसी के दौरान गांधीजी ने करो या मरो का नारा दिया था ।

1946 कैबिनेट मिशन योजना 

यह मिशन योजना क्रिप्स, अलेक्जेंडर तथा पैंथिक लोरेंस के अध्यक्षता में भेजा गया ।
इसी के तहत 1 जुलाई 1946 को संविधान सभा के प्रथम निर्वाचन हुए ।
संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे
इसमें से 292 ब्रिटिश प्रांतों से
93 देसी रियासतो से
4 British Commisonary से थे
निर्वाचन केवल 296 पदों पर हुए तथा 93 सीटों पर नॉमिनेशन हुए इसमें से 208 पदों पर कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत हासिल किया तथा 73, मुस्लिम लीग एवं 15 अन्य के खाते में गए ।
 2 सितंबर 1946 को भारत की INC ( कांग्रेस ) की प्रथम अंतरिम सरकार का गठन हुआ ।
 इस समय भारत का वायसराय :- लॉर्ड वेबल ( 1944-1947 )
 इस तरह अंतरिम सरकार के मंत्रिमंडल का गठन हुआ ।

भारत की अंतरिम सरकार 

प्रधानमंत्री तथा विदेश मंत्री जवाहरलाल नेहरू
खाद्य एवं कृषि मंत्री डॉ राजेंद्र प्रसाद
रक्षा मंत्री सरदार बलदेव सिंह
गृह सूचना एवं प्रसारण मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल शिक्षा सी. राजगोपालाचारी
रेलवे आसफ अली
उद्योग एवं नागरिक आपूर्ति जॉन मथाई , भारत चंद्र बोस
श्रम जगजीवन राम , भाफत अहमद खां
बंदरगाह एवं खान सी. एच भाभा
मुस्लिम लीग के सदस्य
विधि या कानून मंत्री जोगेंद्र नाथ मंडल
स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र अली खां
वित्त लियाकत अली खां
वाणिज्य I.I. चुंदरिगर
संचार अब्दुलरब निस्तार

भारत की संविधान सभा 

1. संविधान सभा की पहली बैठक 

9 दिसंबर 1946 को हुई इसमें संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा बने । इसके लिए फ्रेंच मॉडल का इस्तेमाल किया गया ।

2. दूसरी बैठक 

11 दिसंबर 1946 को हुई जिसमें स्थायी अध्यक्ष – डॉ राजेंद्र प्रसाद बने ।
उपाध्यक्ष – डॉ हरीश चंद्र मुखर्जी
संवैधानिक सलाहकार – B.N. राव

3. तीसरी बैठक 

13 दिसंबर 1946 को हुई जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारतीय संविधान की उद्देशिका पेश की । यही उद्देशिका, संविधान की प्रस्तावना बना । संविधान की प्रस्तावना ही संविधान की आत्मा कहलाती है ।

4. 20 फरवरी 1947 को भारतीय स्वतंत्रता की घोषणा हुई जो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली द्वारा की गई थी क्लिमेंट एटली के द्वारा यह घोषणा की गई कि 30 जून 1948 से पहले भारत को आजाद कर दिया जाएगा ।
5. मार्च 1947 में भारत का अंतिम वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन बना । तथा यह अपने साथ माउंटबेटन योजना लेकर आया
जिसके प्रमुख बिंदु निम्न है –
दो डोमिनियन राज्य भारत और पाकिस्तान का निर्माण ।
दोनों के गवर्नर जनरल अलग होंगे ।
दोनों की स्वतंत्र संविधान सभा होगी ।
दोनों ही अपने स्वतंत्र संविधान का निर्माण करेंगे ।

Note :- भारत की संविधान सभा के अध्यक्ष – डॉ राजेंद्र प्रसाद
पाकिस्तान की संविधान सभा के अध्यक्ष – मोहम्मद अली जिन्ना

6. 4 जुलाई 1947 में ब्रिटिश संसद मे भारतीय स्वतंत्रता विधेयक पेश किया गया जो 18 जुलाई 1947 में पारित होकर भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम बना । इसी के तहत भारत को आजादी मिली ।
7. 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान को अलग डोमिनियन राज्य बना दिया गया ।
8. डिकी बर्ड योजना के तहत हमारी संविधान सभा का विभाजन हुआ
कुल संख्या = 389
भारतीय संविधान सभा में = 299
पाकिस्तान संविधान में = 90

9. पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री – लियाकत अली खां
10. 29 अगस्त 1947 को हमारी संविधान सभा के द्वारा संविधान का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए भारतीय संविधान की प्रारूप समिति बनाई गई जिसमें कुल 7 सदस्य थे ।
अध्यक्ष :- डॉ भीमराव अंबेडकर ( भारतीय संविधान के जनक )
अन्य सदस्य = 6
1. D.P. Kaitan ( Death ) – T T कृष्णा माचारी
2. B.L. mittra ( Resign ) – N. माधवराव
3. K.M. मुंशी
4. मोहम्मद सादुल्ला
5. गोपाल स्वामी आयंगर
6. कृष्णास्वामी अय्यर

संविधान सभा की प्रमुख समितियां 

समिति अध्यक्ष
प्रारूप समिति डॉ. भीमराव अंबेडकर
संघ शक्ति समिति डॉ. पंडित जवाहरलाल नेहरू
संघ संविधान समिति जवाहरलाल नेहरू
प्रांतीय संविधान समिति सरदार वल्लभभाई पटेल
मूल अधिकार एवं सलाह समिति सरदार वल्लभभाई पटेल
अल्पसंख्यको की समिति सरदार वल्लभ भाई पटेल प्रावधान के नियम समिति डॉ राजेंद्र प्रसाद
राज्य समिति पंडित जवाहरलाल नेहरू
राष्ट्रीय ध्वज समिति (झंडा समिति) अस्थायी अध्यक्ष – डॉ. राजेंद्र प्रसाद
राष्ट्रीय ध्वज समिति (झंडा समिति) स्थाई अध्यक्ष – J.B. कृपलानी
संविधान सभा के कार्यक्रम की समिति G.V. मावलंकर
गृह समिति पट्टाभी सीतारमैया
भाषा समिति मोटूरी सत्यनारायणा
व्यापार का क्रम समिति K.M मुंसी

भारतीय संविधान के प्रमुख तथ्य

संविधान बनाने में लगा समय 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन
166 दिन तक संविधान सभा में सत्रों के बाद तथा 64 लाख रुपए खर्च करने के बाद 26 जनवरी 1949 को संविधान बनकर तैयार हुआ ।
पहले 26 जनवरी को विधि दिवस के रूप में मनाया जाता था परंतु 2016 से ही 125 वीं अंबेडकर जयंती के उपलक्ष में इसे संविधान दिवस के रूप में मनाया जाने लगा ।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के जन्म दिवस 14 अप्रैल को ही विश्व विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है ।
26 नवंबर 1949 से ही संविधान के 15 अनुच्छेदों को लागू कर दिया गया जो नागरिकता तथा निर्वाचन से संबंधित थे तथा संपूर्ण संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं ।


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