जानिए भारतीय आर्मी के बारे में

नमस्कार दोस्तों बीता हुआ कल यानी 15 जनवरी भारत में आर्मी डे के रुप में मनाया जाता है आज के दिन भारतीय आर्मी अपने दमखम का प्रदर्शन करती है और इसी दमखम के प्रदर्शन को देख कर युवा आर्मी में आने के लिए प्रोत्साहित होते हैं आज हम आपके लिए लेकर आए हैं आर्मी ऑफिसर रैंकिंग और भर्ती प्रक्रिया के बारे में संपूर्ण जानकारी तो आइए जानते हैं

भारतीय सेना में 3 तरह के कर्मी होते हैं

1  कमीशंड ऑफिसर

2  जूनियर कमीशंड ऑफिसर

3 नॉन कमीशंड ऑफिसर

यह सेना के सीनियर मैनेजमेंट होते हैं जनरल से लेकर लेफ्टिनेंट तक के रैंक इसके तहत आते हैं यह IAS के समकक्ष माने जाते हैं

 यह सेना के जूनियर मनेजमेंट होते हैं सेना में सूबेदार मेजर से लेकर नायक सूबेदार तक कि रैंक इसके तहत आते हैं

 

यह JCO  द्वारा दिए गए आदेश पर अमल करते हैं हवलदार से लेकर सिपाही तक के रैंक इसके तहत आते हैं

 

कमीशंड ऑफिसर
फील्ड मार्शल
जनरल या सेना प्रमुख
लेफ्टिनेंट जनरल
मेजर जनरल
ब्रिगेडियर
पहचान बैच पर अशोक चिन्ह और खिलते कमल की माला में तलवार और डंडा क्लास रूप में चिन्ह यह इंडियन आर्मी का सर्वोच्च रैंक है यह अपने पद से कभी रिटायर नहीं होती अभी तक सिर्फ फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ वकील मास्टर के एम करिअप्पा को वीजा सम्मान मिला है दोनों महापुरुषों का निधन हो चुका है पहचान  बैच पर अशोक चिन्ह इसके नीचे पांच किनारों वाला सितारा इसके नीचे तलवार और डंडा का सूप में फील्ड मार्शल के मानद रैंक के बाद सर्वोच्च रैंक होती है सिर्फ चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यह रैंक हासिल कर सकता है

 

 

पहचान  बैच पर अशोक चिन्ह और इसके नीचे तलवार एवं डंडा प्रारूप में लेफ्टिनेंट जनरल को कमीशन सर्विस में 36 साल तक रहने के बाद चुना जाता है यह वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ या आर्मी कमांडर का पद भी संभाल सकते हैं

 

पहचान  बैच पर पांच किनारे वाला सितारा 77 तलवार और डंडा क्लास रूप में स्थित होते हैं  मेजर जनरल पद पर प्रमोशन चयन के जरिए कमीशन सर्विस में 32 साल तक रहने के बाद होता है

 

 

पहचान   बैच पर  5 किनारों वाले 3 सितारे एवं इनके ऊपर अशोक चिन्ह ब्रिगेडियर के पद पर प्रमोशन चयन के जरिए कमीशंड सर्विस में 25 साल रहने के पश्चात होता है

 

 

कर्नल
लेफ्टिनेंट कर्नल
मेजर
कैप्टन
लेफ्टिनेंट
पहचान  बैच  पर पांच किनारों वाले दो सितारे एवं इनके ऊपर अशोक चिन्ह कर्नल के पद पर प्रमोशन चयन के जरिए कमीशंड सर्विस में 15 साल रहने के पश्चात होती है 26 साल की कमीशन सर्विस के बाद भी प्रमोशन मिलता है पहचान  बैच पर पांच किनारों वाला एक सितारा और इसके ऊपर अशोक चिन्ह कमीशंड सेवक में 13 साल रहने के बाद प्रमोशन पर यह पद मिलता है

 

 

पहचान  बैच पर अशोक चिन्ह समय सीमा के हिसाब से 6 साल की कमीशन सर्विस पूरी करने के पश्चात प्रमोशन मिलता है

 

 

पहचान  बैच पर पांच किनारों वाले 3 सितारे 2 साल की कमीशन सर्विस पूरी होने पर समय सीमा के आधार पर प्रमोशन मिलता है

 

 

पहचान  बैच पर पांच किनारे वाले दो सितारे कमीशन ऑफिसर रैंक में यह सबसे शुरुआती पद होता है

 

 

जूनियर कमीशंड ऑफिसर
सूबेदार मेजर या रिसालदार मेजर
सुबेदार या रिसालदार
नायब सूबेदार या नायाब रिसालदार

पहचान  बैच पर स्ट्राइप के साथ अशोक चिन्ह चयन से प्रमोशन के बाद इस रैंक तक पहुंचा जाता है 34 साल की सर्विस या 54 साल की उम्र जो भी पहले हो वहां पर रिटायरमेंट होती है

 

पहचान  बैच पर स्ट्राइक के साथ दो सुनहरे सितारे इस रैंक पर चयन के जरिए प्रमोशन होता है 30 साल की सर्विस या 52 साल की उम्र में जो भी पहले हो वहां पर रिटायरमेंट होता है

पहचान  बैच पर स्ट्राइक के साथ एक सुनहरा सितारा बैंक पर प्रमोशन चयन के आधार पर होता है कुछ स्थितियों में सीधी भर्ती भी होती है

 

नॉन कमीशंड ऑफिसर
हवलदार या  दफादार
नायक या लांस दफादार
लांस नायक
सैनिक

पहचान  बैच पर तीन  धारियों वाली पट्टी होती है इस  रैंक पर चयन के आधार पर प्रमोशन होता है

 

पहचान  बैच पर दो धारियों वाली पट्टी होती है प्रमोशन चुनाव के आधार पर होता है 24 साल या 49 साल जो भी उम्र पहले प्राप्त होती है वहां पर 1:30 मिनट होती है

 

पहचान 2:30 वाली पट्टी प्रमोशन चुनाव के आधार पर होता है 22 साल की सर्विस या 48 साल की उम्र जो भी पहले प्राप्त होती है वहां पर रिटायरमेंट होता है

 पहचान इसकी वर्दी पर कोई निशान नहीं होता है इसकी पहचान  कार्प्स  से होती है जिसमें वह सर्विस देता है जैसे सिग्नलमैन  राइफलमैन इत्यादि

कैसे बने आर्मी ऑफिसर?

जी हां तो अभी तक उपरोक्त जानकारी में हमने आपको आर्मी के ऑफिसर एवं उनकी रैंक के बारे में बताया आइए अब आपको बताते हैं  कि  कोई नौजवान आर्मी में ऑफिसर कैसे बन सकता है

कमीशन अधिकारियों का चयन निम्न तरीकों से किया जाता है

1 -नेशनल डिफेंस एकेडमी पुणे

12वीं का एग्जाम पास करने के बाद यूपीएससी का एग्जाम दे सकते हैं चुने हुए उम्मीदवारों को सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (एसएसबी) का 5 दिन चलने वाला इंटरव्यू देना होता है इसमें फिजिकल और मेडिकल टेस्ट कराया जाता है पास होने वाले कैंडिडेट्स को आर्मी नेवी एयरफोर्स में चुनना होता है ट्रेनिंग के बाद उन्हें आईएमए  देहरादून भेजा जाता है

2 -कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जामिनेशन

उम्मीदवार ग्रेजुएशन के आखरी साल में या ग्रेजुएट डिग्री होने पर UPSC की ओर से  आयोजित सीडीएस एंट्री एग्जाम में हिस्सा ले सकते हैं SSB और मेडिकल टेस्ट पास करने के बाद उम्मीदवारों को आई एम ए देहरादून में 18 महीने की ट्रेनिंग दी जाती है

3 -यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम

इंजीनियरिंग के आखरी साल से पहले के उम्मीदवार UES के जरिए आवेदन दे सकते हैं  चुने हुए उम्मीदवारों को आई एम ए देहरादून में 1 साल की ट्रेनिंग दी जाती है कोर्स पूरा होने के पश्चात अफसरों को 1 साल की सीनियरिटी प्रमोशन और इंक्रीमेंट दिए जाते हैं

4 -टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स

यह बीई या बीटेक के आखरी साल की उम्मीदवारों के साथ ही बीई या बीटेक डिग्री हासिल कर चुके उम्मीदवारों के लिए होता है

5 -आर्मी एजुकेशन कोर पुरुष

उम्मीदवारों ने एमए एमएससी एमकॉम एमसीएम एमबीए पीजी डिग्री अधिसूचित विषयों में हासिल की है वह आवेदन कर सकते हैं 12 महीने की ट्रेनिंग के पश्चात स्थाई कमीशन दिया जाता है

6 -ऑफिसर ट्रेनिंग अकैडमी

जिन उम्मीदवारों ने 10+2 परीक्षा 70% नंबरों के साथ फिजिक्स केमिस्ट्री मैथ सब्जेक्ट के साथ उत्तीर्ण की है वह नोटिफिकेशन में कटऑफ के आधार पर आवेदन कर सकते हैं SSB इंटरव्यू के बाद योग्य कैंडिडेट को ट्रेनिंग के लिए गया या चेन्नई भेजा जाता है

7  -शॉर्ट सर्विस कमीशन

आर्मी महिला एवं पुरुषों के लिए 14 साल की  शार्ट सर्विस कमीशन का विकल्प देती है SSC एंट्री टेक्निकल नॉन टेक्निकल JAG या एनसीसी इंट्री होती है इस कमीशन में  भर्ती होने वाले अभ्यर्थियों को पेंशन नहीं मिलती है

दोस्तों आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताएं एवं हम आपके लिए और क्या बेहतर ला सकते हैं वह भी बताएं धन्यवाद

 

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