अंतस्रावी तंत्र और ग्रंथियां-हिंदी में

नमस्कार दोस्तो ,

इस पोस्ट में हम आपको अंतस्रावी तंत्र और ग्रंथियां-हिंदी में  के बारे में जानकारी देंगे, क्युकी इस टॉपिक से लगभग एक या दो प्रश्न जरूर पूछे जाते है तो आप इसे जरूर पड़े अगर आपको इसकी पीडीऍफ़ चाहिये तो कमेंट के माध्यम से जरुर बताये| आप हमारी बेबसाइट को रेगुलर बिजिट करते रहिये, ताकि आपको हमारी डेली की पोस्ट मिलती रहे और आपकी तैयारी पूरी हो सके|

अंतस्रावी तंत्र और ग्रंथियां-हिंदी में


हिबिस्कस-इसकी पत्तियों से (कैनम) पटसन प्राप्त होता है।

कैनाविस – इनके तने से हेम्प नामक रेशा प्राप्त होता है।

जूट/कोरकोरस –इसके तने से जूट प्राप्त होता है। इसे (स्वर्ण) Golden रेशा भी कहते हैं।

नारियल/ कल्प वृक्ष –वैज्ञानिक नाम-कोकस न्यूसिफेरा। इससे कोइर रेशा प्राप्त होता है। यह रेशा फलभित्ति से प्राप्त होता है।

कपास गॉसिपियम हिरसुटम –इसके रेशे की कॉटन फाइबर प्राप्त होते हैं। यह बीजों से प्राप्त होता है।

क्रोटोलेरिया – इसके तने से सनहैम्प प्राप्त होता हैं ।

सेकरेम मूंजा –इसके तने से मूंज नामक रेशा प्राप्त होता है।

साइकस –इससे साबुदाना प्राप्त होता है। इसको Sagopam भी कहते हैं।
इसके बीजाण्ड पादप जगत में सबसे बड़े होते हैं।

पाइनस (चीड) –पाइनस के तने से तारपीन का तेल प्राप्त होता है। इसके बीज चिलकौजा कहलाते हैं।
पाइनस के परागकण पीले बादलों के रूप में छा जाते हैं जिसे गंधक वर्षा/ पीत वर्षा कहते हैं।

जुनीपेरस –इससे Sedar-Wood ऑयल प्राप्त होता है जो सूक्ष्मदर्शी में काम में लिया जाता है।

टेक्सस –इसकी छाल से टेक्सोल प्राप्त होता है। जो कैंसर रोधी में उपयोगी है।

देवदार –इससे फर्नीचर बनाया जाता है।

इफ्रिडा-इससे इफ्रेडीन नामक दवा प्राप्त होती है। यह दमा में उपयोगी दवा है।

गिन्को बाइलोवा –इसको ‘मेडन हेयर ट्री’ भी कहते हैं । इसको Living Fossile भी कहते हैं।
सबसे लम्बा आवृत बीजी पौधा युकेलिप्टस
सबसे छोटा आवृत बीजी पादप
1. लेम्ना
2. वुल्फिया

वनस्पति विज्ञान की शाखाएँ 

एल्गोलोजी –शैवालों का अध्ययन ।

एनॉटोमी –आंतरिक संरचना का अध्ययन ।

बैक्टीरियोलोजी –जीवाणुओं का अध्ययन ।

साइटोलॉजी –कोशिकाओं का अध्ययन ।

डेन्ड्रोलोजी –वृक्षों व झाड़ियों का अध्ययन ।

ईकोलोजी –पौधों का वातावरण से संबंध का अध्ययन ।

एप्ब्रियोलोजी –युग्मकों के निर्माण, निषेचन व भ्रूण के परिवर्धन का अध्ययन ।

हेरिडिटी –पैतृक लक्षणों का संतती में पहुंचने का अध्ययन ।

हिस्टोलोजी –ऊतकों का अध्ययन ।

लाइकेनोलोजी –लाइकेन्स का अध्ययन ।

माइक्रोबायलोजी –सूक्ष्मजीवों का अध्ययन ।

मार्फोलोजी –पादपों का आकारिय संरचना का अध्ययन ।

पैथोलोजी –पादप व रोगों के उपचार का अध्ययन ।

फिजियोलोजी –विभिन्न पादप जैविक क्रियाओं का अध्ययन ।

टेक्सोनोमी –पादप वर्गीकरण का अध्ययन ।

टिश्यु कल्चर –कृत्रिम माध्यम पर ऊतकों का संवर्धन ।


कैसी लगी आपको अंतस्रावी तंत्र और ग्रंथियां-हिंदी में के बारे में यह पोस्ट हमें कमेन्ट के माध्यम से अवश्य बताये और आपको किस विषय की नोट्स चाहिए या किसी अन्य प्रकार की दिक्कत जिससे आपकी तैयारी पूर्ण न हो पा रही हो हमे बताये हम जल्द से जल्द वो आपके लिए लेकर आयेगे| आपके कमेंट हमारे लिए महत्वपूर्ण है |

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