Doctor Kaise Bane (डॉक्टर बनने के लिए क्या-क्या करे )

Doctor Kaise Bane-Hello Reader, कैसे हैं आप? हमे आशा है आप कुशल से होंगे… अच्छे से होंगे। Sarkarijobguide आज एक बार फिर आपकी सेवा में हाजिर है एक ऐसा विषय लेकर जो लोग या जो छात्र लड़के और लड़कियाँ डॉक्टर बनना चाह रहे है या कैसे बने डॉक्टर, Doctor Kaise Bane इसका उत्तर उन्हें नहीं मिल रहा है तो इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको सब कुछ साफ हो जायेगा आज हम आपको बताएँगे कैसे बने डॉक्टर MBBS करने के बाद।

इस Doctor Kaise Bane पोस्ट में आप पढ़ेंगे चिकित्सा के क्षेत्र में करियर के विभिन्न विकल्पों के बारे में… दोस्तों, समय के साथ हमारे जीवन में बहुत बदलाव आया है। लेकिन जिस विधा में सबसे ज्यादा बदलाव आया वह चिकित्सा का क्षेत्र है। हमेशा से ही इसे सेवा का क्षेत्र माना गया है और डॉक्टर को समाज में भगवान का दर्जा दिया जाता है।

इसीलिए सामाजिक स्तर पर आज भी इसकी प्रतिष्ठा कायम है। इसमें करियर की बहुत ज्यादा सम्भावना है। बड़ी संख्या में लोग इस क्षेत्र के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि एक अच्छा डॉक्टर बनने के लिए बेहद जरूरी है कि आपके मन में दूसरों के प्रति दया और सेवाभाव हो तब कही जाकर आप एक अच्छा डॉक्टर बन पाएंगे।

मेडिकल क्षेत्र में जाने के लिए आपको सीबीएससी बोर्ड द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट-यूजी) की परीक्षा उत्तीर्ण करके किसी मान्यता प्राप्त संस्था से MBBS बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड बैचलर ऑफ सर्जरी (एमबीबीएस) की पढ़ाई करनी होती है।

एम.बी.बी.एस. चिकित्सा क्षेत्र में सबसे जरुरी और आधारभूत कोर्स है। हालांकि आप एम.बी.बी.एस. करके भी किसी सरकारी या निजी संस्था और हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर, जूनियर सर्जन, मेडिकल प्रोफेसर या लेक्चरर, शोधछात्र आदि के रूप में काम शुरू कर सकते हैं।

इसमें शुरुआती स्तर पर 3 लाख से 3.5 लाख तक का वार्षिक वेतनमान भी मिल सकता है। लेकिन देखा गया है कि ज्यादातर छात्र एम.बी.बी.एस. करने के बाद आगे की पढ़ाई करने की दिशा में बढ़ते हैं।

एम.बी.बी.एस. के बाद आपको MD मास्टर ऑफ मेडिसिन (एम.डी) और MS मास्टर ऑफ सर्जरी (एम.एस.) में से कोई एक क्षेत्र चुनना होता है। एम.डी करने के बाद आप फिजिशियन के रूप में करियर बना सकते हैं जबकि एम.एस. की पढ़ाई करने के बाद आप सर्जन बन सकते हैं|

किसी भी अच्छे इंस्टिट्यूट में दाखिला लेने के लिए आपको नीट-पीजी की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करनी होगी। अक्सर छात्र दुविधा में पड़ जाते हैं कि एम.बी.बी.एस. के बाद उनके लिए क्या करना उचित होगा।

इसका जवाब व्यक्ति की योग्यता और क्षमता पर निर्भर करता है कि उसे क्या चुनना चाहिए| यद्यपि दोनों ही कोर्स बेहद कठिन होते हैं लेकिन सापेक्ष रूप में एम.एस. में ज्यादा जटिलतायें होती हैं। जो लोग खून और चीर-फाड़ देखकर घबरा जाते हैं उन्हें एम.डी. की पढ़ाई करना चाहिए।

आप DNB डिप्लोमा ऑफ नेशनल बोर्ड (डीएनबी) भी कर सकते हैं। यह भी एक परास्नातक कोर्स है, जिसे करके आप स्पेशलिस्ट डॉक्टर बन सकते हैं। लेकिन इसकी एक बड़ी सीमा यह है कि ज्यादातर अस्पतालों में इसकी जगह, एम.एस. और एम.डी. डिग्री धारकों को ज्यादा वरीयता दी जाती है जबकि डीएनबी में पास रेट बेहद कम है।

यह एग्जाम पास करना काफी मुश्किल माना जाता है। इसके अलावा आप UPSC यूपीएससी द्वारा साल में एक बार आयोजित CMS कंबाइंड मेडिकल सर्विसेस (सीएमएस) परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण करके सरकारी अस्पतालों या संस्थाओं में भी नौकरी पा सकते हैं। यह परीक्षा स्थायी जॉब की गारंटी देती है।

इसके अतिरक्त आप क्लीनिकल रिसर्च की तरफ जा सकते हैं। शोध करने के लिए इंडियन कौंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च, सेंट जॉन रिसर्च इंस्टिट्यूट, AIIMS ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, पीजीआई, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च-मुंबई आदि बड़ी संस्थाएं शोध कराती हैं।

दूसरी भाषा में 

डॉक्टर: जो व्यक्ति बीमार लोगों के इलाज के लिए योग्य होता है वो डॉक्टर कहलाता है। डॉक्टर और नर्स हमारे स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के लिए रीढ़ की हड्डी के सामान हैं। डॉक्टर उच्च शिक्षित मेडिकल पेशेवर होते है जो एक स्नातक की डिग्री प्राप्त करके चार साल चिकित्सा विद्यालय में बिताते हैं। डॉक्टर निर्धारित दवाओं से रोगियों इलाज़ करते है। कुछ डॉक्टर सर्जरी करते हैं, तो कुछ सामान्य प्रैक्टिस डॉक्टर होते हैं और कुछ ऐसे विशेषज्ञ होते हैं जैसे न्यूरोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट या एनेस्थिसियोलॉजिस्ट। डॉक्टर नर्सों तथा अन्य पेशेवर डॉक्टरों से परामर्श करते हैं और फिर रोगी की देखभाल के बारे में निर्णय लेते है। चिकित्सा एक सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र है, फिर भी पुरस्कृत क्षेत्रों में से एक है। जो छात्र चिकित्सा क्षेत्र में प्रवेश करना चाहते है वो यह तय कर ले कि डॉक्टर आपके लिए सही चॉइस है या नही, यह महत्वपूर्ण है, कि आपको अपने हर कदम के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होनी जरूरी है।ज्यादातर बच्चे बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखते है जिसके कारन कुछ स्टूडेंट्स का तो बचपन से उद्देश्य बन जाता है कि उन्हें डॉक्टर के फील्ड में ही भविष्य बनाना है। केवल यही एक ऐसा क्षेत्र होता है जिसके द्वारा हम समाजसेवा भी आसानी से कर सकते है। यहां, मैं आपको ठीक से बताता हूँ की डॉक्टर कैसे बनते है। हाई स्कूल से शुरुआत करते है। जैसा की आप सब जानते है यह कैरियर निश्चित रूप से हर किसी के लिए नहीं है – इसके लिए समय, धन और प्रयास होना आवश्यक है। तो आइये जानते है कि 12वी के बाद डॉक्टर (Doctor after 12th) कैसे बने?

डॉक्टर बनने के लिए पात्रता की आवश्यकता:

सीबीएसई बोर्ड के 12 वीं कक्षा भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान के साथ कम से कम 60% अंकों के साथ उत्तीर्ण होना है। सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों और सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा विद्यालयों में प्रवेश पाने के लिए, आपको उत्कृष्ट ग्रेड प्रथम श्रेणी लानी होगी।

अपने विद्यालय में संपूर्ण विज्ञान स्ट्रीम (गणित के साथ) चुनें। जो शुरुआती उम्र से गणित और विज्ञान के साथ काम कर रहे हैं वे पूर्व-पूर्व कार्यक्रमों और चिकित्सा विद्यालयों में सबसे अच्छा करते हैं।

12वीं के बाद डॉक्टर बनने की प्रक्रिया-

1: एक बैचलर की डिग्री अर्जित करें (4 वर्ष)

एक डॉक्टर बनने के लिए पहला कदम आपको चार साल पूर्व मेडिकल स्नातक कार्यक्रम पूरा करना होगा। हर मेडिकल स्कूल और कॉलेज में अपनी जरूरतों और पात्रताएं हैं, लेकिन आपको निम्नलिखित क्षेत्रों पर मजबूत ध्यान देना होगा:रसायन विज्ञान, और्गॆनिक रसायन, एनाटॉमी, जीवविज्ञान, भौतिक विज्ञान, और कैलकुल्स।

2: मेडिकल कॉलेज प्रवेश परीक्षा पास करें

आवेदन करने वाले इच्छुक व्यक्तियों के अनुसार आपको मेडिकल कॉलेज प्रवेश परीक्षा (एमसीएटी) लेना होगा। इस परीक्षा में कई विकल्प हैं और समस्या हल करने, महत्वपूर्ण सोच, वैज्ञानिक सिद्धांतों और लेखन के बारे में विकल्प हैं।

एमबीबीएस के लिए मेडिकल प्रवेश कुछ परीक्षाएं-

  • एमसीएटी
  • एम्स
  • एआईपीएमटी
  • एएफएमसी
  • दिल्ली में मेडिकल प्रवेश परीक्षाएं
  • आंध्र प्रदेश में मेडिकल प्रवेश परीक्षाएं
  • एमपी डीएमएटी
  • डुमैट
  • केएएम आदि।

कॉलेज

कॉलेज वहां है जहां आप वास्तव में अपने अध्ययन पर ध्यान केंद्रित और दवा में कैरियर की तैयारी करना शुरू कर देते हैं। मेडिकल कॉलेज: यहां आपको अपने अगले प्रमुख कदम की तैयारी करने के लिए आपको सब कुछ मिलता है यदि आप चाहते है तो।

कुछ मेडिकल कॉलेजो के नाम:

  • अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान संस्थान
  • आर्मी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज
  • गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय
  • जामिया हमदर्द विश्वविद्यालय
  • हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एंड रिसर्च
  • लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज
  • मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज आदि।
अधिकांश चिकित्सा विद्यालयों में होने वाली मुख्य कक्षाएं:
  • विज्ञान के दो सेमेस्टर और उनकी प्रयोगशाला
  • अकार्बनिक रसायन विज्ञान के दो सेमेस्टर और उनकी प्रयोगशाला
  • जैविक रसायन विज्ञान के दो सेमेस्टर और उनकी प्रयोगशाला
  • गणित के दो सेमेस्टर, कम से कम एक कैलकुस में
  • भौतिकी के दो सेमेस्टर और उनकी प्रयोगशाला
  • अंग्रेजी और / या लेखन के दो सेमेस्ट

यदि आप बाद में कॉलेज में यह सोचते है कि आप चिकित्सा विद्यालय में आवेदन करना चाहते हैं लेकिन आप जानते हैं कि इन सभी आवश्यकताओं लिए आपके पास समय नहीं है, तो इसमें घबराने की कोई बात नही। अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए आप कॉलेज में एक या दो अतिरिक्त सेमेस्टर ले सकते है जो की सामान्य है (कुछ स्कूल इन छात्रों को “सुपर वरिष्ठ” कहते हैं)।यदि आपके पास आपकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कुछ रह गया है तो आप पूर्णकालिक पोस्ट-बीएसी कार्यक्रमों को भी ट्री कर सकते हैं।

प्रोफेसरों और दिशानिर्देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाएं-

प्रोफेसरों और दिशानिर्देशों के साथ अच्छा व्यवहार बनाकर रखना, कक्षा में भाग लेना और अनुसंधान परियोजनाओं पर काम करने के अवसर लेना आदि प्रोफेसरों और दिशानिर्देशों पर आपके प्रति काफी अच्छा प्रभाव डालता है।

कुछ शोध अनुभव प्राप्त करें-

ऐसे कुछ तरीके हैं जिन्हें आप एक स्नातक के रूप में अनुसंधान अनुभव प्राप्त कर सकते हैं:

  1. ऑन-कैम्पस लैब या ऑफ कैंपस रिसर्च इंस्टीट्यूट में रिसर्च असिस्टेंट (भुगतान या अवैतनिक) के रूप में काम करके।
  2. एक स्नातक थीसिस पूरा करें, जिसमें अनुसंधान कार्य शामिल हो।

एमसीएटी के लिए अध्ययन-

यदि आप इसमें अच्छे मार्क्स चाहते हैं तो 200-300 घंटे का अध्ययन करने की योजना बनाएं। चूंकि यह 7.5 घंटे की परीक्षा है, इसलिए आप इसे दूसरी बार नहीं देना चाहोगे।

मेडिकल स्कूलों के प्रकार–

दो प्रकार के चिकित्सक हैं: एलोपैथिक चिकित्सक (एमडी) और ओस्टियोपैथिक चिकित्सक (डीओ)दोनों प्रकार के चिकित्सकों को पूरी तरह से लाइसेंस प्राप्त है, वे सिर्फ थोड़ा अलग प्रकार के कार्यक्रमों से डिग्री प्राप्त करते हैं। हम सबसे ऐसे डॉक्टरों के बारे में सुनते है, यदि आप डीओ से परिचित नहीं हैं तो आप इन प्रकार के कार्यक्रमों पर अधिक रिसर्च करे। डीओ इन छेत्रो में ज्यादा विशेषता प्राप्त करते है जैसे बीमारियों और चोटों का निदान / उपचार करना।

आवेदन पत्र-

आवेदन प्रक्रिया में तीन चरण हैं:

चरण 1: प्राथमिक आवेदन-यह प्राथमिक आवेदन आप जून मे मेडिकल स्कूल के पहले वर्ष से पहले भेजते हैं।इस एप्लिकेशन में आधिकारिक प्रतिलिपियां, एक व्यक्तिगत बयान, अपना सीवी, और अपने  MCAT स्कोर शामिल हैं इन सब दस्तावेजो को आवेदन करने से पहले से ही तैयार करना प्रारंभ कर दे।

चरण 2: माध्यमिक आवेदन: यह आम तौर पर जुलाई-अगस्त में होता है। इसमें कॉलेज या तो आपके  प्राथमिक आवेदन को अस्वीकार कर देगा या माध्यमिक आवेदन को पूरा करने के लिए कहेंगे। यह आवेदन हर कॉलेज के लिए अलग होता है। कभी-कभी, कॉलेज केवल आपको आवेदन प्रक्रिया को जारी रखने के लिए आवेदन शुल्क जमा करने के लिए कहता है। दूसरी बार, वह आपको  सूची भेजते हैं की आप उनके कॉलेज में दाखिल कु लेना चाहते है। अगर आप प्राथमिक + माध्यमिक ऐप्लिकेशन में सफल हो जाते है, तो आप अगले चरण के लिए तैयार है।

चरण 3: साक्षात्कार: साक्षात्कार अंतिम निर्णय लेने वाला चरण हैं। इसके लिए आपको पहले से अपने आपको तैयार करना पड़ेगा क्योंकि यह बहुत कठिन होता है। इसमें कॉलेजो के वरिष्ठ प्रोफेसर आपसे सामने से प्रश्न करेंगे। जो इसमे सफल हो जाता है उसे कॉलेज मे दाखिला मिल जाता है। 4 साल कॉलेज मे अच्छे से मार्क्स लाने का बाद आपको इंटर्नशिप करनी पड़ेगी।

रेजीडेंसी

रेजीडेंसी (इंटर्नशिप के रूप में भी जाना जाता है) अध्यापन अस्पताल में पर्यवेक्षण स्तर है। आपको यहा पर कम से कम तीन वर्ष बिताने होंगे। इसके बीच आपको अपनी अंतिम लाइसेंसिंग परीक्षा (यूएसएमएलई -3) पास करनी पड़ेगी। ये अंतिम लाइसेंसिंग परीक्षा आपके पहले वर्ष के दौरान ली जाएगी। जब आप रेजीडेंसी के तीन वर्ष और सभी परीक्षा पास कर लेते है,तो आप आधिकारिक तौर पर लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक के रूप में स्वतंत्र रूप से अभ्यास कर सकते हैं।

कैसी लगी आपको ये Doctor Kaise Bane की पोस्ट हमें कमेन्ट के माध्यम से अवश्य बताये और आपको किस विषय की नोट्स चाहिए या किसी अन्य प्रकार की दिक्कत जिससे आपकी तैयारी पूर्ण न हो पा रही हो हमे बताये हम जल्द से जल्द वो आपके लिए लेकर आयेगे|

धन्यवाद——-

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