बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र (Topic – शिक्षा मनोविज्ञान ) TET के लिए Most IMP प्रश्नोत्तर

दोस्तों आज की पोस्ट में हम आपके लिए बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र” ( child development and Pedagogy ) के अंतर्गत “Pedagogy most Important 100 one liner“(बाल विकास one liner) बहुत ही महत्वपूर्ण 100  प्रश्न उत्तर लेकर आए हैं. जो कि विभिन्न परीक्षाओं जैसे MP संविदा शाला शिक्षक वर्ग 1,2 , CTET, UPTET, HTET , RTET  के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। बाल विकास एवं शिक्षाशास्त्र के अंतर्गत सभी विषय जैसे समावेशी शिक्षा, शिक्षा तथा तकनीक, शैक्षणिक मनोविज्ञान, अभिगमन, अवधान एवं रूचि जैसे महत्वपूर्ण टॉपिक  के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर को इस पोस्ट में शामिल किया है और साथ ही हमने पिछली परीक्षाओं में पूछे गए प्रश्नों को भी शामिल किया है

Child Development and Pedagogy

शिक्षा मनोविज्ञान ( Education Psychology )

  • शिक्षा मनोविज्ञान आवश्यक है – शिक्षा एवं अभिभावकों के लिए
  • शिक्षा मनोविज्ञान का मुख्य सम्बन्ध सिखने से है l यह कथन है – सॉरे एवं टेलफ़ोर्ड का
  • मनोविज्ञान की आधारशिला किस पुस्तक में राखी गई- मनोविज्ञान के सिद्धान्त
  • अमेरिका में प्रकाशित ‘Principal of Psychology’ के लेखक हैं – विलियम जेम्स
  • शिक्षा मनोविज्ञान का वर्तमान स्वरुप है – व्यापक
  • गौरिसन के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान का उदेश्य है – व्यवहार का ज्ञान
  • कुप्पूस्वामी के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान के सिद्धांन्तों का सर्वोत्तम प्रयोग होता है – उत्तम शिक्षा एवं उत्तम अधिगम में
  • शिक्षा मनोविज्ञान का प्रमुख उदेश्य कोलेसनिक के अनुसार है – शिक्षा की समस्याओं का समाधान करना
  • कैली के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान के उदेश्य हैं – नौ
  • स्किनर के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान के सामान्य उदेश्य हैं – बाल विकास
  • स्किनर के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान के विशिष्ट उदेश्य हैं – बालकों के वांछनीय व्यवहार के अनुरूप शिक्षा के स्तर एवं उदेश्यों को निचित करने में सहायता करना
  • शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र में वह सभी ज्ञान और विधियां सम्मिलित हैं जो सिखने की प्रक्रिया से अधिक अच्छी प्रकार समझने में सहायक हैं l यह कथन है – ली का
  • गेट्स के अनुसार शिक्षा मनोविज्ञान की सिमा है – अस्थिर एवं परिवर्तनशील
  • “अवस्था विशेष के आधार पर ही हमें किसी को बालक युवा या वृद्ध कहना चाहिए l ” यह कथन है – फ़्रॉबेल का
  • हरबर्ट के अनुसार शिक्षा सिद्धान्तों का आधार होना चाहिए – मनोविज्ञानिक
  • माण्टेसरी के अनुसार एक अध्यापक द्वारा उस स्थिति में ही शिक्षण कार्य प्रभावी ढंग से किया जा सकता है, जब उसे ज्ञान होगा – मनोविज्ञान के प्रयोगात्मक स्वरुप का
  • वर्तमान समय में शिक्षा मनोविज्ञान की आवश्यकता है – बाल केन्द्रित शिक्षा
  • वर्तमान समय में शिक्षा मनोविज्ञान की आवश्यकता समझी जाती है – सर्वांगीण विकास में
  • शिक्षा मनोविज्ञान का प्रमुख लाभ है – शिक्षक शिक्षार्थी मधुर संम्बन्ध
  • कक्षा में छात्रों को उनकी विभिन्नताओं के आधार पर पहचानने के लिए शिक्षक को ज्ञान होना चाहिए – शिक्षा मनोविज्ञान का
  • समय सरणी में गणित, विज्ञान या कठिन विषय के कालांश पहले क्यों रखे जाते हैं – मनोविज्ञान के आधार पर
  • सफल एवं प्रभावशाली शिक्षा अधिगम प्रक्रिया के लिए आवश्यक है– शिक्षण अधिगम सामग्री का प्रयोग एवं शिक्षा मनोविज्ञान के सिद्धान्तों का प्रयोग
  • निर्देशन एवं परामर्श में किस विषय का अधिक उपयोग किया जाता है – शिक्षा मनोविज्ञान का
  • छात्रों की योग्यता एवं रूचि के आधार पर पठ्यक्रम निर्माण में योगदान होता है – शिक्षा मनोविज्ञान का
  • बुद्धि परीक्षण विषय है – शिक्षा मनोविज्ञान का
  • शिक्षक मनोविज्ञान के ज्ञान द्वारा बालकों की – बुद्धि तथा रुचियों की जानकारी करके शिक्षा देता है , प्रकृति को जान कर शिक्षा देता है और आर्थिक स्तिथि तथा पारिवारिक स्थिति की जानकारी लेकर शिक्षा देता है
  • मनोविज्ञान का शिक्षा के क्षेत्र में योगदान है – अब शिक्षा बाल केन्द्रित हो गई है , शिक्षक बालकों से निकट का संम्पर्क स्थापित करने का प्रयास करता है और शिक्षक को छात्रों की आवश्यकता का ज्ञान हो सकता है l
  • शिक्षा मनोविज्ञान एक विज्ञान है – शैक्षिक सिद्धान्तों का
  • शिक्षा मनोविज्ञान की उत्पति मानी जाती है – वर्ष 1900
  • ‘मनोविज्ञान’ शब्द के समांनान्तर अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘साइकोलॉजी’ की व्युत्पत्ति किस भाषा से हुई है – ग्रीक भाषा से
  • शिक्षा मनोविज्ञान का सम्बन्ध है – शिक्षा से , दर्शन से और मनोविज्ञान से
  • शिक्षा का शाब्दिक अर्थ है – पालनपोषण करना , सामने लाना और नेत्रित्व देना
  • “मनोविज्ञान वातावरण के सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों के क्रियाकलापों का विज्ञान है l ” यह कथन है – वुडवर्थ का
  • “मनोविज्ञान शिक्षा का आधारभूत विज्ञान है ” यह कथन है – स्किनर का
  • शिक्षा मनोविज्ञान की विषय – सामग्री कस सम्बन्ध है – सीखना
  • शिक्षा मनोविज्ञान में जिन बालकों के व्यवहार का अध्ययन किया जाता है, वह है – मंध बुद्धिपिछड़े हुए और समस्यात्मक
  • सिखने की प्रक्रिया के अन्तर्गत शिक्षा मनोविज्ञान अध्ययन करता है – प्रेरणा व् पुर्नबलन के प्रभाव का अध्ययन
  • “मनोविज्ञान मन का विज्ञान है l ” यह कथन है – अरस्तू का
  • “शिक्षा मनोविज्ञान, अधियापको की तैयारी की आधारशिला है l यह कथन है – स्किनर का
  • आंकड़ों का व्यवस्थापन करने हेतु संकलित आंकड़ों के संबन्ध में निम्नलिखित कार्य करना होता है – वर्गीकरण , सारणीयनआलेखी निरूपण
  • मनोविज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में सहायता देता है तथा बताता है – शिक्षा के उदेश्य सम्भावित हैं अथवा नहीं
  • शिक्षा मनोविज्ञान का अध्ययन अध्यापक को इसलिए करना चाहिए , ताकि – इसकी सहायता से अपने शिक्षण को अधिक प्रभावशाली बना सके
  • “मनोविज्ञान व्यवहार का शुद्ध विज्ञान है ल” इस परिभाषा के प्रतिपादक हैं– ई० वाटसन
  • अचेतन मन का अध्ययन किया जाता है– मनोविश्लेषण विधियों द्वारा
  • मनोविश्लेषणात्मक प्रणाली के जन्मदाता हैं – सिंगमण्ड फ्राइड
  • वर्तमान समय में मनोविज्ञान है– व्यवहार का विज्ञान
  • शिक्षा मनोविज्ञान का विषय क्षेत्र नहीं है – शैक्षिक मूल्यांकन
  • ‘शिक्षा किसी निश्चित स्थान पर प्राप्त की जाती है l ‘ यह कथन शिक्षा के किस अर्थ में प्रयुक्त होता है – शिक्षा का संकुचित अर्थ
  • ‘साइकी’ का अर्थ है – मानवीय आत्मा या मन
  • मनोविज्ञान को व्यवहार का विज्ञानं कहा– वाटसन ने
  • “मनोविज्ञान मन का वैज्ञानिक अध्ययन है , जिसके अन्तर्गत न केवल बौद्धिक, अपितु संवेगात्मक अनुभूतियों , उत्प्रेरक शक्तियों तथा कार्य या व्यवहार भी सम्मिलित है l ” यह कथन है – सी० डब्ल्यू० वैलेंटाइन का
  • मनोविज्ञान – आत्मा का विज्ञान है ,मन का विज्ञान है , चेतना का विज्ञान है
  • मानव मन को प्रभावित करने वाला करक है – व्यक्ति की रुचियाँ , अभिक्षमताए अभियोग्यताए व् वातावरण है
  • मनोविज्ञान को शुद्ध विज्ञान मन है – जेम्स ड्रेवर ने
  • शिक्षा मनोविज्ञान – मनोविज्ञान का एक अंग है
  • शिक्षा मनोविज्ञान की पकृति से सम्बन्ध में कहा जा सकता है – यह सर्वव्यापी है तो सार्वभौमिक भी
  • मनोविज्ञान के अंतर्गत – मानव का अध्ययन किया जाता है 
  • शिक्षा मनोविज्ञान के अध्य्यन के उदेश्य है – विद्यार्थियों द्वारा किसी बात के सीखे जाने को प्रभावित करना
  • मनोविज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में सहायता देता है तथा स्पष्ट करता है – शिक्षा के उदेश्य की सम्भावना
  • शिक्षक को शिक्षा मनोविज्ञान के अध्य्यन की प्रत्यक्ष आवश्यकता नहीं है – शारीरिक सुडौलता
  • मनोइयाँ का सम्बन्ध प्राणिमात्र के व्यवहार के अध्ययन से है, जबकि शिक्षा मनोविज्ञान का क्षेत्र – मानवीय व्यवहार के अध्य्यन से है , शैक्षिक संस्थितियों में मानव व्यवहार से है
  • शिक्षण प्रक्रिया के अंग है – शिक्षण के उदेश्य , शिक्षण को सार्थक बनाने वाले ज्ञानानुभव , शिक्षण का मूल्यांकन
  • शिक्षा मनोविज्ञान का मूल उद्श्य है – विद्यार्थियों योग्यताओं एवं क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए उनके द्वारा किसी बात को सीखे जाने से संबन्धित बात को प्रभावित करता है
  • शिक्षा का सम्बन्ध है – शिक्षा के उदेश्य से और कक्षा पर्यावरण व् वातावरण से
  • शिक्षा मनोविज्ञान का क्षेत्र है – व्यापक
  • शिक्षा मनोविज्ञान के सामान्य उदेश्य है – बालक के व्यक्तित्व का विकास , शिक्षण कार्य में सहायता और शिक्षण विधियों में सुधार
  • “अवस्ता विशेष के अनुभवों के आधार पर ही हमें किसी को बालक, युवा एवं वृद्ध कहना चाहिए l ” यह कथन है – फ्रोबेल का
  • शिक्षा मनोविज्ञान का प्रमुख उदेश्य है – बाल केन्द्रित शिक्षा का विकास

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3 Comments
  1. ruchi lakhera says

    i am very thankfull to you sir giving us study material for samvida warg 3

    1. Sandeep Kumar says

      thank for comment and watching

  2. Shivani says

    👌

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