उत्तर प्रदेश की जलवायु के बारे में-हिंदी में

इस पोस्ट में हम आपको उत्तर प्रदेश की जलवायु के बारे में जानकारी देंगे, क्युकी इस टॉपिक से लगभग 4 या 5 प्रश्न जरूर पूछे जाते है तो आप इसे जरूर पड़े अगर आपको इसकी पीडीऍफ़ चाहिये तो कमेंट के माध्यम से जरुर बताये| आप हमारी बेबसाइट को रेगुलर बिजिट करते रहिये, ताकि आपको हमारी डेली की पोस्ट मिलती रहे और आपकी तैयारी पूरी हो सके|

उत्तर प्रदेश की जलवायु


भगौलिक विषमताओं के कारण उत्तर प्रदेश में क्षेत्रानुसार जलवायु सम्बन्धी विशेषताये पाई जाती है । फिर भी सामान्य रूप से प्रदेश की जलवायु उष्ण कटिबंधीय व मानसूनी है फिर भी धरातलीय विषमताओं और समुद्र तल से विभिन्न स्थानों की भिन्न भिन्न उचाइयां होने के कारण यंहा की जलवायु में विषमता मिलती है यंहा वर्ष भर में तीन ऋतुएं घटित होती है

ग्रीष्म ऋतु

सूर्य के कर्क रेखा की और बढ़ने के साथ ही प्रदेश के तापमान में व्रद्धि होनी शुरू हो जाती है और जून में तापमान अपने उच्चतम बिंदु तक पहुच जाता है।
● ग्रीष्म ऋतु में प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान 36℃ से 39℃ तक तथा औसत न्यूनतम तापमान 21℃ से 23℃ तक तथा औसत तापांतर 14℃ रहता है।
● इस ऋतु में कर्क रेखा के नजदीक होने के कारण इलाहाबाद, कानपुर, फतेहपुर, आगरा, बांदा, चित्रकूट, महोबा, झांसी, हमीरपुर, जालों, ललितपुर आदि बुन्देलखण्डीय नगरों का तापमान 40℃ से 47℃ तक पहुच जाता है।
● इस ऋतु में विशेषकर मई, जून महीने में पश्चिमी हवाए तीव्र हो जाती है जिन्हें लू कहा जाता है। ये अत्यंत गर्म और शुष्क होती है। कभी कभी इन शुष्क हवाओ से सामुद्रिक हवाए मिल जाती है परिणामस्वरूप 100 से 115 km/hr वेग से चलने वाले तूफान(धूल भरी आंधिया) आते है।
● इस ऋतु में वर्षा बहुत कम होती है जो लगभग 10 से 25 cm तक होती है।

वर्षा ऋतु 

बंगाल की खाड़ी से उठने वाले मानसून जून के तृतिया-चतुर्थ सप्ताह में प्रदेश के पूर्वी तथा दक्षिणी पूर्वी सिरे से प्रवेश करता है। इस मानसून का कुछ भाग वर्ष करते हुए सीधे पश्चिम निकल जाता है लेकिन कुछ भाग उत्तर की और बढ़ता है और हिमालय से टकराकर वापस लोटता है। इस वापस लौटते मानसून से प्रदेश के तराई क्षेत्रो (सहारनपुर से लेकर कुशीनगर तक पतली पट्टी के रूप में विस्तृत) में खूब वर्ष होती है।
● दक्षिणी पश्चिमी मानसून से कुछ वर्षा प्रदेश के पठारी तथा पश्चिमी मैदानों में होती है।
● सर्वाधिक वर्षा गोरखपुर में होती है जहां वर्षा की मात्रा 184.7 cm होती है जबकि सबसे कम वर्षा मथुरा में होती है जहां 54.4 cm तक वर्षा होती है। पूर्वी मैदानी क्षेत्रों में औसत वर्षा 112 cm , मध्यवर्ती मैदानों में 94 cm, पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में 84 cm, दक्षिणी पहाड़ी पठारी क्षेत्र में औसत वर्षा 91 cm होती है।
● गोरखपुर में वर्षा अवधि 56 दिन होती है वही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में केवल 32 दिन।
● प्रदेश की सम्पूर्ण वर्षा का लगभग 83% वर्षा इसी ऋतु (जुलाई से सितंबर तक) मे होती है।
● इस ऋतु में प्रदेश का औसत उच्चतम तापमान 32 से 34℃ और न्यूनतम तापमान 25℃ तथा औसत तापांतर 7-8℃ तक होता है।

  • प्रदेश में होने वाली सम्पूर्ण वर्ष का 75 से 85℅ भाग होता है पूर्वा से
  • सर्वाधिक और सबसे कम वर्षा वाला जिला:- गोरखपुर (184.7 से.मी.),मथुरा (54.4से.मी)
  • प्रदेश के सबसे कम नम भूमि वाले जिले:- बागपत व हाथरस
  • प्रदेश का सर्वाधिक नम भूमि वाला जिला:- सोनभद्र

शीत ऋतु 

प्रदेश में नवम्बर महीने से शीत ऋतु प्रारम्भ हो जाती है। जनवरी प्रदेश का सर्वाधिक ठंडा महीना होता है। इस ऋतु में प्रदेढ़ के विभिन्न भागों में तापमान में काफी अंतर होता है। जहां दक्षिणी पहाड़ी तथा पठारी क्षेत्रो में औसत अधिकतम तापमान 28.3℃ और औसत न्यूनतम तापमान 13.3℃ रहता है, वही मैदानी क्षेत्रों में क्रमशः 27.2℃ से 11.7℃ तक रहता है।
● प्रदेश में शीत ऋतु में तापमान दक्षिण से उत्तर की और कम होता जाता है।
● उत्तर पश्चिमी जिलों में शीत ऋतु में औसत तापमान अन्य सभी क्षेत्रों से सबसे कम लगभग 10℃ रहता है। उत्तरांचल में बर्फबारी होने पर इस क्षेत्र में ठंड और अधिक बढ़ जाती है।
●शीतकाल में भूमध्य सागरीय क्षेत्रो से उत्पन होने वाले चक्रवातों के पाकिस्तान के रास्ते भारत मे प्रवेश करने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 10 cm से अधिक वर्षा हो जाती है जो रभी कि फसल के लिए लाभदायक है। इन चक्रवातों से पूर्वोत्तर क्षेत्रो में 7 cm तथा पठारी क्षेत्रो में 5 से 7.5 cm तक वर्षा होती है लेकिन प्रदेश के कई भागों में कोहरे के प्रभाव रहता है। कोहरे के कारण तराई क्षेत्रो में कभी कभी सूर्य के दिनों तक दिखाई नही देता है।

वर्षा के आधार पर जलवायु वर्गीकरण 

उत्तर प्रदेश में दो प्रकार के जलवायु प्रदेश पाए जाते है- आद्र एवं उष्ण क्षेत्र और साधारण आद्र एवं उष्ण क्षेत्र

● आद्र एवं उष्ण क्षेत्र में दो उप-विभाग (तराई क्षेत्र और पूर्वी उत्तर प्रदेश) है। प्रथम उप विभाग अथार्त तराई क्षेत्र में सहारनपुर, बिजनोर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर, बहराइच, गोंडा, बस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर आदि जिले आते है, जहाँ औसत वार्षिक वर्षा 120 cm से 150 cm तक होती है। इस क्षेत्र में जनवरी में औसत तापमान 18℃ और जुलाई में 30℃ होता है।

● दूसरे उप-विभाग अथार्थ पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में वार्षिक वर्षा का औसत 100 से 120 cm तक रहता है। इस उप-विभाग में पूर्व से पश्चिम की और चलने पर वर्षा की मात्रा कम होती जाती है।

● साधारण आद्र एवं उष्ण क्षेत्र में तीन उप-विभाग है। यथा मध्यावर्ती मैदानी क्षेत्र, पश्चिमी मैदानी क्षेत्र तथा बुंदेलखंड के पहाड़ी पठारी क्षेत्र।

● मध्यवर्ती मैदानी क्षेत्र में उत्तरी इलाहाबाद, प्रतापगढ़, फतेहपुर, रायबरेली, सुल्तानपुर, लखनऊ, उन्नाव, कानपुर, हरदोई, फरुखाबाद, और दक्षिणी शाहजहांपुर आदि सम्मिलित है। इस क्षेत्र की औसत वार्षिक वर्षा 80 से 100 cm रहता है। यहां ग्रीष्म ऋतु में उच्च तापमान और जनवरी में 15℃ से 16℃ रहता है। इस क्षेत्र में वर्षा की मात्रा पूर्व से पश्चिम की और घटती जाती है।

● पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में आगरा, मैनपुरी, मथुरा, एटा, अलीगढ़, बंदायू, बुलंदशहर, गाज़ियाबाद, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, दक्षिणी सहारनपुर आदि जिले सम्मिलित है। इस क्षेत्र में औसत वार्षिक वर्षा 65 से 80 cm तक होती है।तथा शीट काल मे तापमान 12℃ से 14℃ तक रहता है। इस क्षेत्र में पूर्व से पश्चिम की और वर्षा की मात्रा घटती जाती है।

● बुन्देलखण्डीय पहाड़ी पठारी क्षेत्र के अंतर्गत ललितपुर, झांसी, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, चित्रकूट, दक्षिणी इटावा, दक्षिणी इलाहाबाद आदि जिले सम्मिलित है। इस क्षेत्र की औसत वार्षिक वर्षा 80 से 100 cm है। इस क्षेत्र में शीतकालीन औसत तापमान 18 से 19℃ तक तथा ग्रीष्कालीन 40℃ से 45℃ तक रहता है। 1987 में बांदा में 49℃ तापमान रिकॉर्ड किया गया था। इस क्षेत्र में भी वर्षा की मात्रा पूर्व से पश्चिम की और चलने पर घटती जाती है।

उत्तर प्रदेश के जलवायु महत्वपूर्ण तथ्य और प्रश्नोत्तरी

  • उत्तर प्रदेश की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी है।
  • राज्य में औसत तापमान जनवरी में 12.50 से 17.50 तक रहता है।
  • मई-जून में यह तापमान 27.50 से 32.50 के बीच रहता है।
  • यहां पूर्व से 1000 मिमी से 2000 मिमी और पश्चिम में 610 मिमी से 1000 मिमी की वर्षा होती है।
  • राज्य में पूर्व से पश्चिम की ओर जाने पर वर्षा की मात्रा घटती जाती है।
  • राज्य में लगभग 90% वर्षा दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान होती है जो जून से सितंबर तक रहती है।
  • प्रदेश में वर्षा का प्रारंभ जून के अंतिम सप्ताह से होता है।
  • जून से सितंबर तक होने वाली वर्षा के कारण राज्य के पूर्वी हिस्से में बाढ़ जैसी समस्या उत्पन्न हो जाती है।
  • राज्य के पूर्वी हिस्से में बाढ़ के कारण फसल, जनजीवन व संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचता है।
  • राज्य में सर्वाधिक वर्षा गोरखपुर में और सबसे कम वर्षा मथुरा में होती है।
  • राज्य में सर्वाधिक औसत तापमान बुंदेलखंड में पाया जाता है।
  • उत्तर प्रदेश में शीत ऋतु में पश्चिमी गंगा मैदान में सबसे कम तापमान पाया जाता है।
  • वर्षा ऋतु में उत्तर प्रदेश में (75% से 80%) अधिकांश वर्षा बंगाल की खाड़ी से होती है।

कैसी लगी आपको उत्तर प्रदेश की जलवायु के बारे में यह पोस्ट हमें कमेन्ट के माध्यम से अवश्य बताये और आपको किस विषय की नोट्स चाहिए या किसी अन्य प्रकार की दिक्कत जिससे आपकी तैयारी पूर्ण न हो पा रही हो हमे बताये हम जल्द से जल्द वो आपके लिए लेकर आयेगे| आपके कमेंट हमारे लिए महत्वपूर्ण है |

You might also like

Comments are closed.

error: Content is protected !!